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Mirzapur News: सबसे बड़ा बदलाव! अब अपराधी नहीं बच पाएंगे, मिर्जापुर को मिली फॉरेंसिक ताकत

घटनास्थल से लिए गए नमूनों की जांच के लिए फोरेंसिक विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। क्या है यह बदलाव जानने के लिए पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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Mirzapur News: सबसे बड़ा बदलाव! अब अपराधी नहीं बच पाएंगे, मिर्जापुर को मिली फॉरेंसिक ताकत

मिर्जापुर : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में घटनाओं के आंकड़े किसी से छिपे नहीं है। बढ़ते घटनाओं के आंकड़ों ने शासन प्रशासन की नींद उड़ा कर रख दी है। इसी बीच मिर्जापुर से अनोखी खबर सामने आई है।  यहां पर फोरेंसिक विभाग की ओर से अनोखी पहल की गई है।

सबकुछसब कुछ ठीक रहा तो जिले में घटित घटनाओं के फोरेंसिक विभाग द्वारा घटनास्थल से लिए गए नमूनों की जांच जिले में ही होगी। इसके लिए विंध्याचल के परसिया में विधि विज्ञान प्रयोगशाला बनाई जाएगी। प्रयोगशाला भवन बनाने के लिए जमीन मिल गई है। अब इसके बजट का इंतजार है। बताया गया कि किसी भी घटना में साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक विभाग द्वारा नमूने लिए जाते हैं,जिन्हें जांच के लिए दूसरे जिलों की लैब में भेजा जाता था।

आसानी से हो सकेगी घटनाओं की जांच 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  इसमें वाराणसी के रामनगर की विधि विज्ञान प्रयोगशाला या लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नमूने भेजे जाते हैं। फोरेंसिक नमूनों की जांच जिले में ही हो सकती है, जहां नमूनों की जांच में काफी समय लग जाता है। रिपोर्ट देर से आने पर पुलिस को घटनाओं का रहस्य उजागर करने में परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

ढाई एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई

फोरेंसिक टीम द्वारा लिए गए नमूनों की जांच अब जिले में ही होगी। इसके लिए विंध्याचल के परसिया में विधि विज्ञान प्रयोगशाला बनाई जाएगी। इसके लिए करीब ढाई एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी गई है। जमीन मिलते ही विभाग ने कार्यदायी संस्था से विचार-विमर्श के बाद प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया, ताकि भवन निर्माण के लिए बजट जारी हो सके। जिले में फोरेंसिक टीम तो है, लेकिन प्रयोगशाला नहीं। जिले में फोरेंसिक टीम तो है। इसका बकायदा कार्यालय भी है।

हेड कांस्टेबल व अन्य कर्मचारी तैनात

टीम में एक इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल व अन्य कर्मचारी तैनात रहते हैं, लेकिन जब टीम द्वारा नमूने लिए जाते हैं तो उनकी जांच यहां नहीं हो पाती। ऐसे में घटनास्थल से लिए गए नमूनों की जांच कराने के लिए टीम को लखनऊ या वाराणसी के रामनगर भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट आने में करीब एक से दो माह का समय लग जाता है। ऐसे में पुलिस को किसी भी घटना का पर्दाफाश करने में देरी का सामना करना पड़ता है। अपने जिले की हर छोटी बड़ी खबरों से अपडेट रहने के लिए डाइनामाइट न्यूज़ को जरूर फॉलो करें।

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