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कानपुर में जहर बना पानी: 328 लोगों में किडनी और लिवर फेलियर के बढ़े खतरे, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

कानपुर और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण अब जानलेवा साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रही है कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह एक जन स्वास्थ्य आपदा का रूप ले सकता है।
Post Published By: Asmita Patel
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कानपुर में जहर बना पानी: 328 लोगों में किडनी और लिवर फेलियर के बढ़े खतरे, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर और कानपुर देहात में जहरीले रसायनों के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई गई जांच में सामने आया है कि कानपुर के 328 लोगों के खून में क्रोमियम और 12 लोगों में मरकरी पाया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इसी तरह कानपुर देहात में 64 लोगों में क्रोमियम और 5 लोगों में मरकरी की पुष्टि हुई है। ये दोनों रसायन किडनी और लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

औद्योगिक क्षेत्रों से निकल रहा ज़हर

एनजीटी की रिपोर्ट में यह खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कानपुर और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य जांच शुरू की। जांच के लिए 23 और 24 जून को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंछी इंडस्ट्रियल एरिया, रूमा, जाजमऊ, तेजाब मिल कैंपस, राखी मंडी और औरैया क्षेत्र से सैंपल इकट्ठा किए। रिपोर्ट में साफ हुआ कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के खून में खतरनाक स्तर तक क्रोमियम और मरकरी मौजूद है। स्वास्थ्य विभाग के लिए यह परिणाम बेहद चौंकाने वाले थे।

स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

डॉक्टरों की टीम के अनुसार, शरीर में क्रोमियम और मरकरी की अत्यधिक मात्रा से नर्वस सिस्टम पर बुरा असर, सांस लेने में दिक्कत, स्किन कैंसर और किडनी-लीवर फेल होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कानपुर देहात में जांच में शामिल 20 लोगों में क्रोमियम की मात्रा मानक से कहीं अधिक पाई गई है।

महिलाएं और पुरुष दोनों प्रभावित

इस जांच में पुरुषों और महिलाओं दोनों के सैंपल लिए गए थे। जांच से पता चला कि यह ज़हरीले तत्व सभी वर्गों को प्रभावित कर रहे हैं। जिससे यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है। खास बात यह है कि इन क्षेत्रों में पीने के पानी का कोई विकल्प न होने के कारण लोग लंबे समय से दूषित पानी का सेवन करने को मजबूर हैं।

औपचारिकता में बदल गई राहत

रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित लोगों को सिर्फ मल्टीविटामिन दवाएं देकर औपचारिकता पूरी कर दी। इससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार और स्वास्थ्य विभाग इतनी गंभीर समस्या से निपटने के लिए तैयार हैं?

केमिकल युक्त पानी पीने से फैल रही बीमारी

कानपुर के सीएमओ डॉ. उदयनाथ ने बताया कि इस ज़हरीले रसायन के खून में मिलने का मुख्य कारण केमिकल युक्त पानी का सेवन है। औद्योगिक इकाइयों द्वारा केमिकल कचरा सीधे नदी-नालों में बहा दिया जाता है। जिससे जमीन के नीचे का पानी भी दूषित हो जाता है। लोग हैंडपंप या बोरिंग से निकलते इसी पानी को पीते हैं। जिससे शरीर में क्रोमियम और मरकरी की मात्रा बढ़ जाती है।

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