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गोरखपुर: असुरन-पिपराइच मार्ग का चौड़ीकरण शुरू, 29 मीटर चौड़ी होगी सड़क

गोरखपुर में असुरन-पिपराइच मार्ग का चौड़ीकरण शुरू हो गया हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखपुर: असुरन-पिपराइच मार्ग का चौड़ीकरण शुरू, 29 मीटर चौड़ी होगी सड़क

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश सरकार के सड़क चौड़ीकरण अभियान के तहत असुरन से पिपराइच मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य शुरू हो गया है। उपजिलाधिकारी (सदर) रोहित कुमार मौर्य के नेतृत्व में राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जंगल अहमद अली शाह गांव में सड़क की चौड़ाई 29 मीटर निर्धारित की गई है। इस दौरान सड़क के दायरे में आने वाले 25 मकानों को 2 पोकलैंड मशीनों और 3 जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया। आबादी वाले क्षेत्रों में सड़क की चौड़ाई 21 से 24 मीटर होगी, जबकि अन्य हिस्सों में यह 29 मीटर होगी।उपजिलाधिकारी रोहित कुमार मौर्य ने बताया कि शासन की नीतियों के अनुरूप विकास कार्यों को गति दी जा रही है और किसी भी स्थिति में इन्हें बाधित नहीं होने दिया जाएगा।

यह चौड़ीकरण कार्य फिलहाल पिपराइच तक किया जाएगा, जिसमें कई दुकानों और मकानों को हटाने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। कार्यवाही के दौरान राजस्व विभाग की टीम में नायब तहसीलदार प्रद्युम्न सिंह, लेखपाल राजीव वघेल, अनिल राय, मंजेश, रामनगीना पटेल और आनंद विजय शामिल रहे। PWD से सहायक अभियंता रंजन सिंह, डी.के. सिंह, सुरेश सिंह और पुलिस टीम में चौकी इंचार्ज ज्योति नारायण सिंह, मोहम्मद शाहिद, रोपिका यादव, शिखा, संदीप, प्रवीण, सोहन, अंकित सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे। यह चौड़ीकरण कार्य क्षेत्र में यातायात सुगम बनाने और विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा हैं।

कुशीनगर और महराजगंज जिले से जुड़ी असुरन-पिपराइच मार्ग पर वाहनों का दबाव अधिक है। इस रोड के किनारे नई-नई कॉलोनियां भी विकसित हो रही हैं। जंगल धूसड़ तक कई नए मोहल्ले बस गए हैं। इसे देखते हुए पिछले साल इस सड़क को फोरलेन बनाने की मंजूरी मिली थी। पहले यह सड़क असुरन से लेकर पिपराइच तक 29 मीटर चौड़ी बननी थी।  इसके बाद पिपराइच के लोग भी कस्बे में सड़क की चौड़ाई कम करने की मांग करने लगे। कस्बे के मकानों को बचाने के लिए फोरलेन बाईपास बनाने की संभावना भी तलाशी गई, लेकिन उपयुक्त जगह नहीं मिली। इसके बाद इसी सड़क को कप्तानगंज जाने वाली सड़क तक चौड़ा करने का प्रस्ताव बनाया गया।

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