मिजोरम की अगली सरकार के गठन पर चर्चा के लिए जेडपीएम की बैठक मंगलवार शाम को

मिजोरम में जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे लालदुहोमा राज्य में अगली सरकार के गठन पर निर्णय लेने के लिए मंगलवार शाम को पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठक करेंगे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 5 December 2023, 6:20 PM IST
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आइजोल: मिजोरम में जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे लालदुहोमा राज्य में अगली सरकार के गठन पर निर्णय लेने के लिए मंगलवार शाम को पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और अन्य नेताओं के साथ बैठक करेंगे। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी।

जेडपीएम ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को हुई मतगणना में कुल 40 में से 27 सीट पर जीत हासिल की।

उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद का गठन और विभागों का बंटवारा बैठक का शीर्ष एजेंडा होगा। जेडपीएम के नेता ने कहा, ‘‘लालदुहोमा मंगलवार रात आठ बजे निर्वाचित विधायकों, पार्टी की निर्णय लेने वाली इकाई वैल यूपीए काउंसिल और अन्य नेताओं के साथ बैठक करेंगे। हम बैठक के बाद सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।’’

एक अधिकारी ने बताया कि अगली सरकार के गठन का दावा पेश करने के लिए लालदुहोमा बुधवार पूर्वाह्न 10 बजे राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात कर सकते हैं। जेडपीएम के एक सूत्र ने कहा, ‘‘मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण शुक्रवार को होने की संभावना है।’’

लालदुहोमा और राज्यपाल के बीच बैठक के बाद शपथ ग्रहण समारोह को अंतिम रूप दिया जाएगा।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी के रूप में काम कर चुके भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी लालदुहोमा ने सोमवार को अपनी पार्टी द्वारा सदन में अधिकांश सीट जीतने पर संतोष व्यक्त किया और केंद्र सरकार के साथ मजबूत संबंध बनाने के महत्व पर जोर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार जेडपीएम ने राज्य विधानसभा चुनावों में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सत्ता से बाहर कर दिया, जिसे केवल 10 सीट पर जीत मिली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिर्फ दो सीट पर और कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर सकी।

एमएनएफ ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 26 सीट पर जीत दर्ज की थी। राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था, जहां 8.57 लाख से अधिक मतदाताओं में से 82 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।