DN Exclusive: हाथरस कांड में DM के निलंबन का फ़ैसला पलटा गया, SP सहित 7 पुलिसकर्मी निलंबित, बड़ा सवाल- क्यों बचाया जा रहा है डीएम को?

डीएन ब्यूरो

तीन दिन से देश भर की मीडिया के निशाने पर आयी योगी सरकार बैकफुट पर आ गयी है। एसआईटी जांच के नाम पर सात दिन मामले को लटकाये रखने की नाकाम कोशिश और अब आनन-फानन में जांच रिपोर्ट मंगाने के बाद अफसरों पर कार्यवाही की गयी है। परेशान योगी सरकार ने जनता के दबाव में आने के बाद हाथरस के एसपी समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित करने का निर्णय लिया है लेकिन डीएम को बचाने का खेल खेल दिया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव

फाइल फोटो
फाइल फोटो


लखनऊ: तीन दिन से देश भर की मीडिया के निशाने पर आयी योगी सरकार बैकफुट पर आ गयी है। एसआईटी जांच के नाम पर सात दिन मामले को लटकाये रखने की नाकाम कोशिश और अब आनन-फानन में जांच रिपोर्ट मंगाने के बाद अफसरों पर कार्यवाही की गयी है। परेशान योगी सरकार ने जनता के दबाव में आने के बाद हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, तत्कालीन इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर, हेड मोहर्रिर महेश पाल समेत सात पुलिस कर्मियों को निलंबित करने का निर्णय लिया है लेकिन डीएम को बचाने का खेल, खेल दिया गया है।

इधर डाइनामाइट न्यूज़ पर डीएम के निलंबन के फैसले को पलटने के बारे में जब खबर चली तो राज्य सरकार के सबसे बड़े प्रवक्ता ने डाइनामाइट न्यूज़ को फोन पर बताया कि यह पुलिसिया लापरवाही का मामला है इसलिए पुलिस विभाग के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की गयी है। डीएम के निलंबन के बारे में कोई फैसला ही नहीं हुआ है ऐसे में पलटने का सवाल नहीं है।

इधर यूपी सरकार ने विनीत जायसवाल को हाथरस का नया एसपी बनाया गया है। 

यूपी सरकार द्वारा जारी प्रेस नोट

इससे भी बड़ी खबर ये है कि यूपी सरकार ने ये निर्णय लिया है कि निलंबित पुलिस वालों के अलावा सभी वादी और प्रतिवादियों का पालीग्राफ और नारको टेट इस केस के विवेचक करायेंगे। 

विनीत जायसवाल इससे पहले शामली के एसपी थे। विनीत 2014 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस हैं। ये मूल रुप से गोरखपुर के निवासी हैं। 

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में पुलिस विभाग के कुल पांच लोगों के निलंबन की पुष्टि की है। आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में जनपद हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर को लापरवाही व शिथिल पर्यवेक्षण के लिए निलम्बित कर दिया गया है। इनके अलावा तत्कालीन क्षेत्राधिकारी राम शब्द, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह एवं हेड मोहर्रिर महेश पाल को भी मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में निलम्बित किया गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि हाथरस के मामले में गठित एस0आई0टी0 द्वारा अपनी पहली रिपोर्ट आज राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई। एस0आई0टी0 की रिपोर्ट में की गई संस्तुति के क्रम में सभी वादी/प्रतिवादी अन्तर्ग्रस्त व्यक्तियों तथा सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों का पॉलीग्राफ व नारको टेस्ट भी विवेचकों द्वारा कराया जाएगा। 










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