DN Exclusive: कौन है जिले का ये पुलिस अफसर? मातहतों को बेइज्जत करने में अव्वल, लखनऊ तक पहुंची शिकायत

डीएन संवाददाता

संस्कार तो घर से आते हैं, वर्दी पहन किसी बड़ी कुर्सी पर बैठने से नहीं। आज हम ऐसे ही एक पुलिस अफसर की कारस्तानी के बारे में बता रहे हैं जिसे पढ़ आप दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव

प्रतीकात्मक फोटो
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महराजगंज: सीएम और डीजीपी कहते हैं कि अफसर फरियादियों से ससम्मान बात करें लेकिन ये आदेश जिले के एक बड़े पुलिस अफसर को समझ में नहीं आ रहा है। फरियादियों से बदसलूकी को कौन कहे ये तो अपने मातहतों से जमकर अभद्रता कर रहे हैं। इसकी शिकायत अब लखनऊ तक पहुंच चुकी है।

महराजगंज जिले के इतिहास से नावाकिफ इस अफसर को पुराने मातहतों से पता करना चाहिये। बात 2002 की है। तबके समय में महकमे के बड़े अफसर सदर कोतवाली परिसर में छोटे-छोटे कमरे में बैठा करते थे। एक बड़े अफसर ने जब अपने ही मातहत से बदसलूकी की तो जवाब में मातहत ने अपने सीनियर के चेहरे का हुलिया बदल दिया। खून से लथपथ बड़े साहब फिर अपनी बेअंदाजी ठीक उस तरह भूल गये जैसे गधे के सिर से सींग।

डाइनामाइट न्यूज़ को कई पुलिस वालों ने अपनी आप बीती सुनाते हुए बताया कि एक बड़े साहब के पास किसी भी काम से जाओ.. सीधे मुंह बात तक नहीं करते। हद तो तब हो जाती है जब कुर्सी के गुमान की चाशनी में लिपटे ये साहब मातहत की जाति और गृह जिले तक की ऐसी-तैसी कर डालते हैं।

अनुशासन में लिपटे मातहत किसी तरह कड़वा घुट पीकर उस वक्त चुप तो रह जाते हैं लेकिन कहीं आशंका इस बात की है कि कहीं किसी नये रंगरुट ने साहब को पलटकर जवाब दे दिया तो साहब किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे। 

ये पीड़ित पुलिस वाले बताते हैं कि साहब को कुछ विशेष जातियों से विशेष नफरत है। इन पीड़ितों ने नाम न छापने की शर्त पर डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि ये साहब अपने कमरे में बैठ जमकर खेल पर खेल कर रहे हैं। कुछ ने तो साहब के बातचीत का आडियो तक रिकार्ड कर लखनऊ सबूत समेत भेज दिया है। 










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