बंगाल और केंद्र के बीच मुख्य सचिव को लेकर फिर बढ़ा टकराव, कार्रवाई की तैयारी में जुटा नार्थ ब्लॉक, जानिये हर अपडेट

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र द्वारा दिल्ली तलब किया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे, जिसके बाद बंगाल और केंद्र के बीच टकराव बढ़ गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

सीएम ममता बनर्जी और पीएम मोदी फिर आमने-सामने (फाइल फोटो)
सीएम ममता बनर्जी और पीएम मोदी फिर आमने-सामने (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पीएम मोदी के बीच का टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार का यह टकराव पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के लेकर है। मुख्य सचिव को लेकर बंगाल और केंद्र सरकार फिर एक बार आमने-सामने है। दरअसल, मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया गया था और आज सुबह उन्हें पहुंचना था लेकिव वे नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय पर अनुशासनात्मक कारवाई करने की तैयारी में है।

केंद्र सरकार ने अलपन बंदोपाध्याय को आज (31 मई) सुबह 10 बजे पहले से नार्थ ब्लॉक रिपोर्ट करने को कहा था। लेकिन बंदोपाध्याय की जगह वहां मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी पहुंची, जिसमें ममता ने कहा कि ऐसे मुश्‍किल समय में पश्चिम बंगाल की सरकार अपने मुख्‍य सचिव को कार्यमुक्‍त नहीं कर सकती। इसके बाद केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच एक बार फिर तलवारें खींच गई हैं।

जानकारों के अलावा विभिन्‍न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ममता के इस रुख के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्क कार्रवाई कर सकता है। बताया जाता है कि नार्थ ब्लॉक बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में हैं। 

अलपन बंदोपाध्याय को ममता सरकार ने दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी है। बता दें कि बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को राज्य सरकार के कहने पर केंद्र सरकार की सहमति के आधार पर उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार (एक्सटेन्शन) दिया हुआ है, ऐसे में अब केंदआ उनके एक्सटेंशन को रद्द कर सकता है। 

कुछ महीनों पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था। तब बंगाल में एक चुनावी रैली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए पथराव पर केंद्र सरकार ने बंगाल के तीन IPS अधिकारियों को दिल्ली बुलाया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र के इस आदेश को ठुकराते हुए उन्हें गृह मंत्रालय भेजने से मना कर दिया था। अब देखने वाली बात यह है कि मुख्य सचिव के ताजे मामले पर केंद्र और बंगाल के बीच का यह टकराव किस तरह शांत होता है? 










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