वक्फ बिल बना अब कानून: जानिए देश में कितनी वक्फ संपत्तियों पर बनें कब्रिस्तान, पढ़ें पूरी खबर

भारत में वक्फ अधिनियम पारित हो चुका है। वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ ज़मीन है। इसके अलावा मस्जिदों, मदरसों, इमामबाड़ों और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी वक्फ संपत्तियों का उपयोग होता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 April 2025, 1:00 PM IST
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नई दिल्ली: देश में हाल ही में वक्फ बिल पास हो चुका है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद यह अब कानून का रूप ले चुका है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है। लेकिन इस कानून के पास होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि देश में वक्फ की संपत्तियां कितनी हैं और उनका किस तरह से उपयोग किया जा रहा है?

वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड

वक्फ की संपत्तियों से जुड़े विवादों को देखते हुए साल 2009 में यूपीए सरकार ने एक अहम कदम उठाया था। उस समय वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण का निर्णय लिया गया और इसके तहत वामसी पोर्टल (WAMSI- Waqf Assets Management System of India) की शुरुआत की गई। यह पोर्टल आज भी वक्फ की संपत्तियों की जानकारी के लिए अधिकृत स्रोत माना जाता है।

कब्रिस्तानों का उपयोग और आंकड़े

वामसी पोर्टल के अनुसार, देश में 1,50,569 वक्फ संपत्तियों का उपयोग कब्रिस्तानों के रूप में किया जा रहा है। यह आंकड़ा वक्फ की कुल संपत्तियों का करीब 17 प्रतिशत है। इसके अलावा:
    •    1.19 लाख मस्जिदें वक्फ जमीन पर स्थित हैं।
    •    17,000 संपत्तियों पर इमामबाड़ा और आशूरखाना बने हैं।
    •    14,000 संपत्तियां मदरसों के उपयोग में हैं।
    •    34,000 संपत्तियों पर मज़ार और दरगाह स्थित हैं।
    •    1.13 लाख संपत्तियों का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है।
    •    92,000 संपत्तियों पर रिहायशी मकान बने हैं।
    •    बाकी बची संपत्तियां कृषि भूमि के रूप में दर्ज हैं।

वक्फ देश का तीसरा सबसे बड़ा जमींदार

    1.    रक्षा मंत्रालय: 17.95 लाख एकड़
    2.    भारतीय रेलवे: 12 लाख एकड़
    3.    वक्फ बोर्ड: 9.4 लाख एकड़

वक्फ का अर्थ

‘वक्फ’ एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है - ‘दान’। यह उस संपत्ति को कहा जाता है जिसे किसी मुस्लिम व्यक्ति ने समाज के हित में दान कर दिया हो। जब किसी मुस्लिम व्यक्ति की कोई संतान नहीं होती, तो उसकी संपत्ति वक्फ बोर्ड को चली जाती है। कई बार, कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए भी समाज के भले के लिए अपनी संपत्ति वक्फ कर देता है।

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