Waqf Amendment Bill: सरकार को क्यों करना पड़ा वक्फ बिल में बदलाव? जानने के लिए पढ़े पूरी खबर

बुधवार को देर रात लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को बहुमत से मंजूरी दे दी, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि आखिर सरकार को वक्फ बिल में बदलाव क्यों करना पड़ा? जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की ये खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 April 2025, 10:12 AM IST
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2 अप्रैल को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया और देर रात लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को बहुमत से मंजूरी दे दी। जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सरकार का कहना है कि इससे वक्फ के संचालन में पारदर्शिता और सुधार आएगा, जबकि विपक्षी दलों का आरोप है कि इससे मुस्लिम समुदाय की ताकत कम होगी और वक्फ पर सरकारी नियंत्रण बढ़ जाएगा। पढ़िए इस लेख में इस विधेयक पर विस्तृत जानकारी...

वक्फ क्या है?

वक्फ इस्लामिक परंपरा के तहत एक दान है, जिसमें व्यक्ति अपनी चल या अचल संपत्ति को धार्मिक कार्यों के लिए दान कर देता है। इस दान की गई संपत्ति का कोई व्यक्तिगत मालिक नहीं होता है। वह संपत्ति अल्लाह के नाम पर होती है, लेकिन इसके संचालन के लिए वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाओं का गठन किया जाता है। वक्फ के अंतर्गत भूमि, मकान, धन या अन्य संपत्ति हो सकती है। जो सामाजिक या धार्मिक कार्यों में उपयोग की जाती है।

वक्फ बोर्ड क्या है और इसका क्या काम है?

वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है। यह बोर्ड राज्य और केंद्रीय स्तर पर होते हैं। भारतीय वक्फ बोर्ड 1995 के वक्फ अधिनियम के तहत काम करते हैं और देशभर में 30 वक्फ बोर्ड काम कर रहे हैं। इन बोर्डों का कार्य वक्फ संपत्तियों का रखरखाव, आय का प्रबंधन और उनका सही उपयोग सुनिश्चित करना होता है। वक्फ बोर्ड, मस्जिदों, दरगाहों, अस्पतालों, स्कूलों और अन्य धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं की मदद करते हैं।

वक्फ विधेयक में क्या बदलाव प्रस्तावित हैं?

केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया है, जिसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों में सुधार लाना है। इसमें मुख्य रूप से मुस्लिम महिलाओं को बोर्डों में प्रतिनिधित्व देने की बात की गई है, ताकि वे वक्फ प्रशासन में भाग ले सकें। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बोर्डों में विभिन्न धर्मों के लोग भी सदस्य बन सकें।

विधेयक पर सरकार का रुख

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि यह विधेयक सच्चर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लाया गया है। वे इसे इसीलिए जरूरी मानते हैं, क्योंकि पहले किए गए संशोधन (1995 और 2013) प्रभावी नहीं रहे हैं। उनका दावा है कि इस विधेयक के जरिए वक्फ की संपत्ति पर सही नियंत्रण और प्रशासन आएगा और गरीब मुस्लिम समुदाय को फायदा मिलेगा।

वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है?

वर्तमान में वक्फ बोर्डों के पास 3,56,047 वक्फ संपत्तियां हैं। जिनमें 8,72,324 अचल संपत्तियां और 16,713 चल संपत्तियां शामिल हैं। वक्फ संपत्तियों का कुल मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये के आसपास आंका जाता है। भारत में वक्फ बोर्ड दुनिया के सबसे बड़े शहरी भूस्वामी हैं।

वक्फ से जुड़ी शिकायतें

केंद्र सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण, अवैध बिक्री और कुप्रबंधन की बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे, पंजीकरण में देरी और वक्फ बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ आरोप शामिल हैं। इसके अलावा वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण भी धीमा रहा है, जिससे पारदर्शिता में कमी आई है।

वक्फ से जुड़े कुछ विवाद

वक्फ से जुड़ी कई विवादित घटनाएं भी सामने आई हैं, जैसे तमिलनाडु के थिरुचेंथुरई गांव का मामला, जहां वक्फ बोर्ड ने गांव की पूरी जमीन को अपनी संपत्ति बता दिया। इसी तरह बेंगलुरु में ईदगाह मैदान और सूरत नगर निगम भवन के वक्फ संपत्ति बनने को लेकर भी विवाद हुए हैं।