बंगाल में हिंसा: ममता बनर्जी ने की शांति की अपील

डीएन ब्यूरो

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को शांति की अपील की और ‘‘हिंदू भाइयों’’ से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा। हुगली जिले के घनी आबादी वाले दो शहरों रिसड़ा और श्रीरामपुर में रामनवमी के बाद हुई हिंसा के बाद से निषेधाज्ञा लागू है।

ममता बनर्जी (फाइल)
ममता बनर्जी (फाइल)


पश्चिम बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को शांति की अपील की और ‘‘हिंदू भाइयों’’ से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा। हुगली जिले के घनी आबादी वाले दो शहरों रिसड़ा और श्रीरामपुर में रामनवमी के बाद हुई हिंसा के बाद से निषेधाज्ञा लागू है।

बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर के खेजुरी में एक रैली को संबोधित करते हुए सवाल किया कि भगवान राम को समर्पित रामनवमी के त्योहार के कई दिन बाद भी शोभायात्रा क्यों निकाली जा रही है। उन्होंने दावा किया कि ‘‘हिंसा भड़काने और तनाव पैदा करने’’ का जानबूझकर प्रयास किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘रामनवमी के पांच दिन बाद तक शोभायात्रा क्यों निकाली जाएगी? यह त्योहार वाले दिन निकालें। हमें कोई आपत्ति नहीं.... लेकिन वे बंदूक और बमों के साथ या पुलिस से जरूरी अनुमति के बिना शोभायात्रा नहीं निकाल सकते।’’

मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘वे हिंसा भड़काने और तनाव उत्पन्न करने के लिए जानबूझकर अल्पसंख्यक इलाकों में प्रवेश कर रहे हैं।’’

बनर्जी ने दावा किया, ‘‘वे (गुंडे) गरीबों के खाने के ठेले में आग लगा रहे हैं और बंदूक लेकर नाच रहे हैं.. 6 अप्रैल (हनुमान जयंती) को वे फिर से हिंसा करने की योजना बना रहे हैं। मैंने जिलाधिकारी और पुलिस को सतर्क रहने को कहा है। सिर्फ बंगाल ही नहीं, उन्होंने पूरे देश में यह परिदृश्य बनाया है।’’

उन्होंने कहा कि वह ‘‘अपने हिंदू भाइयों से यह सुनिश्चित करने की अपील कर रही हैं कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई हिंसा न हो ... कोई भी अत्याचार और हिंसा नहीं चाहता।’’

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हुगली जिले के हिंसा प्रभावित कस्बों में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में रही, हालांकि कुछ क्षेत्रों में निषेधाज्ञा और इंटरनेट सेवाओं पर रोक सोमवार को भी जारी रही और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को रिसड़ा के औद्योगिक उपनगर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।

उन्होंने कहा कि हुगली जिले के रिसड़ा और श्रीरामपुर इलाकों में स्थिति पर नजर रखी जाएगी और स्थिति में सुधार होने पर आदेश में ढील दी जाएगी।

पुलिस ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रिसड़ा में निषेधाज्ञा लगे होने का हवाला देते हुए वहां जाने से रोक दिया, इस पर भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जतायी गई।

भाजपा नेता मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे अपने घायल पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं दिया जा रहा है। पुलिस निषेधाज्ञा का हवाला दे रही है। पुलिस कम से कम महतो और मुझे प्रवेश करने की अनुमति दे सकती है। पुलिस मुझे अनुमति नहीं देना चाहती क्योंकि वे सच्चाई को छिपाना चाहते हैं।’’

मजूमदार भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो के साथ थे। मजूमदार ने केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग करते हुए कहा, ‘‘राज्य पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल रही है।’’

चंदननगर पुलिस आयुक्तालय के एक अधिकारी ने कहा कि झड़पों के सिलसिले में करीब 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हालात नियंत्रण में और स्थिति शांतिपूर्ण है। निषेधाज्ञा लागू है और भारी पुलिस बल तैनात है। सुरक्षाबलों ने प्रभावित इलाकों के कुछ स्थानों पर मार्च किया। सुबह कुछ इलाकों में तनाव था। हमने भीड़ को तितर-बितर किया और सुरक्षा बढ़ा दी।’’

उन्होंने कहा कि बाजारों को कुछ समय के लिए खोलने की अनुमति दी गई और पुलिस वाहनों की आवाजाही पर नजर रख रही है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि स्थिति में और सुधार होगा। निषेधात्मक आदेशों को रद्द करने और इंटरनेट सेवाओं को फिर से शुरू करने पर निर्णय स्थिति के आकलन के बाद लिया जाएगा।’’

पुलिस ने कहा कि रिसड़ा थाना क्षेत्र में रामनवमी की दो शोभायात्रा आयोजित की गई थीं और दूसरी शोभायात्रा पर रविवार शाम करीब सवा छह बजे जीटी रोड पर वेलिंगटन जूट मिल मोड़ के पास हमला हुआ। पुलिस ने कहा कि रिसड़ा वार्ड 1-5 और श्रीरामपुर के वार्ड 24 में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और जिले के कुछ हिस्सों में सोमवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।

राज्य सरकार ने रेखांकित किया है कि शोभायात्रा वास्तविक त्योहार के दो दिन बाद निकाली गई थी और उसके लिए आवश्यक अनुमति नहीं थी।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा द्वारा आयोजित रामनवमी शोभायात्रा पर हमले के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जिम्मेदार है।

भाजपा के कुछ कार्यकर्ता सोमवार को रिसड़ा में प्रभावित इलाके के पास धरना देते और पार्टी के काफिले को रोके जाने का विरोध करते देखे गए।

अधिकारी ने भाजपा विधायक बिमान घोष से अस्पताल में मुलाकात की जो रविवार की हिंसा में घायल हो गए थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह प्रभावित इलाके में तुरंत जाना चाहते थे, लेकिन ममता बनर्जी प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने प्रभावित परिवारों से मिलने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और अन्य टीएमसी नेताओं को क्षेत्र में मुक्त पहुंच की अनुमति क्यों दी गई है, जबकि विपक्षी नेताओं को भयभीत स्थानीय लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलने से रोका जाता है।’’

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर इलाके में अशांति फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, ‘‘राजनीतिक संबद्धता या धर्म देखे बिना दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हिंसा राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को बाधित करने के लिए भाजपा द्वारा एक पूर्व नियोजित साजिश थी। यह मानव जीवन की कीमत पर वोट सुरक्षित करना चाहती है।’’










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