Uttarakhand: देहरादून के जाखन गांव में भूस्खलन, 10 मकान जमींदोज, जानिये रेसक्यू ऑपरेशन के बारे में

डीएन ब्यूरो

देहरादून की विकासनगर तहसील के बिन्हार क्षेत्र के जाखन गांव में भूस्खलन में 10 मकान जमींदोज हो गये जबकि एक दर्जन अन्य में दरारें आ गयीं जिसके कारण सुरक्षा कारणों से वहां के सभी 100 .120 निवासियों को अन्यत्र स्थानांतरित करना पड़ा । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

देहरादून  के जाखन में भूस्खलन
देहरादून के जाखन में भूस्खलन


देहरादून:  देहरादून की विकासनगर तहसील के बिन्हार क्षेत्र के जाखन गांव में भूस्खलन में 10 मकान जमींदोज हो गये जबकि एक दर्जन अन्य में दरारें आ गयीं जिसके कारण सुरक्षा कारणों से वहां के सभी 100 .120 निवासियों को अन्यत्र स्थानांतरित करना पड़ा ।

विकासनगर के तहसीलदार प्रेम सिंह ने 'पीटीआई.भाषा' को बताया कि बुधवार अपराहन भूस्खलन से गांव के 10 मकान जमींदोज हो गए जबकि एक दर्जन अन्य मकानों में दरारें आ गयीं ।

उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि गांव के ज्यादातर लोग अपने घरों से बाहर थे या भूस्खलन की आवाज सुनकर बाहर आ गए जिससे घटना में जनहानि होने से बच गयी ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने बताया कि भूस्खलन से पूरा गांव खतरे की जद में आ गया जिसे देखते हुए गांव के सभी 100.120 निवासियों को निकटवर्ती पष्टा गांव के सरकारी स्कूल में बनाए गए राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया ।

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों से गांव से करीब 100 मीटर की दूरी पर पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा था और गांव के कुछ मकानों में दरारें दिख रही थीं । हालांकि, बुधवार को अचानक बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ और देखते ही देखते कई मकान भरभराकर जमींदोज हो गए ।

सूचना मिलने पर पुलिस, प्रशासन तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंची जिन्होंने तेजी से कार्रवाई करते हुए गांव के सभी परिवारों को पष्टा गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया ।

वरिष्ठ भाजपा नेता और विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि वह इस दौरान गांव वालों के साथ मौके पर ही मौजूद थे और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जाने के बाद मध्यरात्रि के पश्चात ही घर लौटे ।

उन्होंने बताया कि चिंताजनक बात यह रही कि भूस्खलन से व्यासी बिजलीघर की दो इवेकुएशन लाइंस भी टूट गयी । उन्होंने बताया कि बिजली पारेषण विभाग के अधिकारियों को तत्काल मौके पर बुलाकर उन्हें आइसोलेट करवाया गया ताकि चमोली करंट हादसे जैसी स्थिति न बने ।










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