Uttar Pradesh: फर्जी IPS बनकर ठगी करने वाला मुठभेड़ में गिरफ्तार, आइजी बनकर पुलिस को करता था काल

डीएन ब्यूरो

मथुरा जिले में पुलिस ने खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों को ठगने वाले एक शातिर अपराधी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

फर्जी आइपीएस बनकर ठगी करने वाला मुठभेड़ में दबोचा
फर्जी आइपीएस बनकर ठगी करने वाला मुठभेड़ में दबोचा


मथुरा: मथुरा जिले में पुलिस ने खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों को ठगने वाले एक शातिर अपराधी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेष कुमार पाण्डेय ने बृहस्पतिवार को बताया कि राजस्थान निवासी राधेश्याम उर्फ सुभाष कुंतल खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निरीक्षक एवं उप निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को धमकाता था और आरोपियों की जानकारी मांगने और बाद में आरोपियों के परिजनों से मामलों से नाम हटवाने के नाम पर धन ऐंठता था।

उन्होंने बताया कि बुधवार रात मगोर्रा क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ में गोली लगने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है।

उन्होंने बताया कि राधेश्याम ने पिछले सोमवार को फरह के थाना प्रभारी से तेल चोरी करने के अभियुक्त निशांत कार्णिक के बारे में जानकारी मांगी थी और अपना परिचय लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) के रूप में बताते हुए काम नहीं करने पर देख लेने की धमकी दी थी।

पाण्डेय ने बताया कि इसके बाद स्थानीय पुलिस एवं विशेष अभियान दल ने दो दिन उसके बारे में पूरी तहकीकात की। जांच में पता चला कि फोन पर धमकी देने वाला राधेश्याम मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला शातिर अपराधी है और उसके विरुद्ध राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में कुल 13 मामले दर्ज हैं। वह पूर्व में अपने तीन साथियों की हत्या भी कर चुका है।

उन्होंने बताया कि पुलिस को उसके पास से आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी के 21 फर्जी विजिटिंग कार्ड, आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी का एक फर्जी विजिटिंग कार्ड, तमंचा, कारतूस और मोटरसाइकिल बरामद हुई है।

अपर पुलिस अधीक्षक (देहात क्षेत्र) त्रिगुण बिसेन ने बताया कि राधेश्याम के खिलाफ मथुरा के हाईवे थाने में पांच और कोसीकलां में एक मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा भरतपुर में चार तथा जयपुर में दो मामले दर्ज हैं। उसके विरुद्ध धोखाधड़ी का एक मामला जम्मू-कश्मीर में भी दर्ज है। वह पहले सेना में भर्ती कराने के नाम पर गिरोह के माध्यम से युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।

उन्होंने बताया कि राधेश्याम अक्सर अपराध का तरीका बदलता रहता है। उसने गिरोह से कमाए रुपयों की खातिर अपने ही तीन साथियों मुकेश कुमार यादव, रामेंद्र यादव और अरविंद की 2014 में मथुरा बुलाकर हत्या कर दी थी और रुपये लूटकर अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था।










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