मंदिर की ज़मीन पर भू-माफियाओं का कब्जा, अनशन पर पुजारी
तेंदुआकाजी में भूमाफियाओं ने मंदिर की 8 बीघे ज़मीन पर कब्ज़ा कर रखा है। दान में मिली 25 गायों के लिए भी चारे का कोई प्रबंध नहीं है। शिकायत करने के बाद भी नहीं जागा प्रशासन।
सुल्तानपुर. बीजेपी के चुनावी एजेंडे में भूमाफियाओं के खिलाफ एक्शन का ऐलान हुआ था। 24 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक पोर्टल लॉन्च किया था जिसमें एंटी भू-माफिया अभियान की पूरी जानकारी थी। योगी सरकार के इतने जतन के बाद यहां दोस्तपुर थाने के तेंदुआकाजी में भूमाफियाओं ने मंदिर की 8 बीघे ज़मीन पर कब्ज़ा कर रखा है। मंदिर की ज़मीन को भूमाफियाओं से मुक्त कराने के लिए मंदिर के पुजारी आमरण अनशन पर बैठे हैं लेकिन अब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच सका है।
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60 के दशक में बना था मंदिर
गौरतलब रहे कि दोस्तपुर थाना अन्तर्गत तेंदुआकाजी में 60 के दशक में गांव निवासी रामराज उपाध्याय ने यहां मंदिर का निर्माण कराया था। साथ ही साथ उन्होंने अपनी कुल सम्पत्ति धर्म स्थल के नाम पर दान कर दिया था। उक्त धर्म स्थल और ज़मीन की निगरानी संत विनोद बाबा कर रहे हैं। जिन्होंने यहां निर्माण कार्य भी जारी रखा है।
8 बीघे ज़मीन पर भू-माफियाओं का कब्जा
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संत विनोद की मानें तो धर्म स्थल की ज़मीन का रकबा करीब 8 बीघे का है। यहां वो स्थापित मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं साथ ही दान में मिली 25 गायों की सेवा भी करते है। संत विनोद का आरोप है कि गांव के ही सरहंग भू-माफियाओं ने मंदिर की आधे से अधिक ज़मीन पर कब्ज़ा कर रखा है, जिसकी शिकायत उन्होंने तहसील दिवस आदि में किया। लेकिन अधिकारियों ने शिकायती पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।
5 जुलाई से आमरण-अनशन पर पुजारी
इससे आक्रोशित संत विनोद ने अधिकारियों को सूचित करते हुए बीते 5 जुलाई से आमरण अनशन शुरु कर दिया है। फिलवक्त वो धर्म स्थल के बगल कुएं पर आसन जमा कर बैठे हैं। यही नहीं संत बताते हैं कि दान में मिली गायों के खाने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। जिसको लेकर भी प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की गई लेकिन इस मांग को भी अधिकारियों ने पूरी नहीं किया। ये आलम तब है जब प्रदेश में सीएम योगी की सरकार है, जो खुद अपने हाथों से गायों को चारा देते हैं।
संज्ञान में मामला, कराई जा रही है जांच
इस मामले में एसडीएम कादीपुर मोतीलाल सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जिसकी जांच कराई जा रही है। वहीं जब उनसे ये सवाल किया गया कि दान में मिली गाय चारे के अभाव में भूख से तड़प रहीं हैं तो उन्होंने कहा कि उसके लिए पुजारी को उक्त ज़मीन में चारी आदि का प्रबंध करना चाहिए। प्रशासन के पास इसका कौन सा बजट है।
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सीएम स्वयं करते हैं एंटी टास्क फोर्स पोर्टल की निगरानी
आपको बता दें कि 15 दिन पूर्व सरकार ने जबरन जमीन कब्जा करने वाले के खिलाफ एंटी टास्क फोर्स निगरानी टीम के गठन का आदेश दिया था। जिनको निर्देश था कि भू-माफियाओं की लिस्ट बनाकर सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर जारी करे।
जिसकी जिम्मेदारी जिला स्तर पर थाने और चकबंदी के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। सरकार का निर्देश है कि इलाके के दबंगों की जमीनों का ब्यौरा देने का भी आदेश दिया गया था। हैरत की बात ये है कि इस पोर्टल की निगरानी स्वयं सीएम के द्वारा किए जाने की बात सामने आई थी लेकिन इसके बावजूद यहां एक पुजारी भू-माफियाओं से परेशान है।