UP STF ने कार एजेंसियों के मालिक बनकर करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत 3 गिरफ्तार, जानिये पूरा काला कारनामा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने विभिन्न कार एजेंसियों के मालिक बनकर करोड़ों रूपये की ठगी वर्चुअल नंबरों का प्रयोग करके करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश कर मास्टरमाइंड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एसटीएफ ने तीन जालसाजों को किया गिरफ्तार
एसटीएफ ने तीन जालसाजों को किया गिरफ्तार


लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने विभिन्न कार एजेंसियों के मालिक बनकर व्हॉट्सएप्प और वर्चुअल नंबरों के प्रयोग और धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन लोगों को राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया। यह गिरोह धोखाधड़ी कर आरटीजीएस व नेट बैंकिंग के माध्यम से कई लोगों से करोड़ों रूपये की ठगी कर चुका है। 

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान विजय कुमार प्रजापति, प्रदीप शर्मा पुत्र त्रिलोक चन्द्र शर्मा और अमीरूद्दीन उर्फ आमिर के रूप में की गई है। विजय कुमार प्रजापति थाना गुलावटी जनपद बुलन्दशहर, त्रिलोक चन्द्र शर्मा विकासकुन्ज इन्दिरापुरी लोनी बार्डर जनपद गाजियाबाद और अमीरूद्दीन हर्ष विहार दिल्ली का रहने वाला है।

गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 1 अदद क्रेडिट कार्ड, 5 मोबाइळ फोन, 3 अदद आधार कार्ड (2 कूटरचित), 16 फर्जी दस्तावेजों की छायाप्रति, एक कार बरामद की गई। एसटीएफ ने इन अभियुक्तों को राजधानी लखनऊ में मोहान रोड फ्लाई ओवर के नीचे लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे के पास से गिरफ्तार किया। 

29 सिंतबर 2021 को स्वाती अग्रवाल, मुख्य प्रबन्धक, स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा, इस्माईलगंज, लखनऊ द्वारा थाना गाजीपुर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को किया मोटर्स का डायरेक्टर बताया और व्हाटसएप के माध्यम से 02 पत्र भेज कर कुछ खातों में पैसे ट्रांसफर करवाये। इसके लिए फर्जी कंपनी का लेटर हैड और मुहर का इस्तेमाल किया गया। धोखाधडी कर कूटरचित लेटर भेजकर अलग-अलग धनराशि आरोपियों द्वारा कुछ बैंक खातों से ट्रांसफर करायी गयी।  

इस शिकायत के आधार पर एसटीएफ और पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। आरोपी गूगल से कार एजेन्सियों की जानकरी प्राप्त कर ग्राहकों को गाडी खरीदने का झांसा देकर एजेन्सियों की बैंक डिटेल धोखे से प्राप्त कर लेते थे। वे खुद का कार कंपनियों के एजेंसियों के मालिक बनकर बैकों के मैनेजरों को कॉल/मैसेज भेजते थे। इसके बाद इमरजेंसी होने का झांसा देकर, धोखे से अलग अलग बैंक खातों में रूपये डलवा लिये जाते हैं। इसके लिए Internet Banking/ Mobile banking  का इस्तेमाल होता था।

गिरफ्तार आरोपी कूटरचित/फर्जी नाम पते पर बैंक खाते खुलवाते थे व फर्जी नाम पते की सिम खरीदी जाती थी। इस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपी धोखाधड़ी करते थे। 

एसटीएफ, साइबर टीम और थाना गाजीपुर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की संयुक्त टीम ने तकनीकी एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए शनिवार को उक्त फर्जीवाड़ा करने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। अभियुक्तों के खिलाफ स्थानीय पुलिस द्वारा आगे का कार्रवाई जारी है।










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