फतेहपुर: जिला अस्पताल की रिश्वतखोरी जगजाहिर, सर्जन ने बताया- कैसे होती है घूस की बंदरबांट

डीएन संवाददाता

शहर के सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिला अस्पताल में फैला भ्रष्टाचार जगजाहिर हो गया है, शर्मनाक बात यह है कि इसमें तैनात डॉक्टर को घूसखोरी में कोई बुराई नहीं दिखती, उन्होंने यह भी बताया कि घूस के रकम की बंदरबांट कैसे होती है। पूरी खबर..



फतेहपुर: शहर के जिला अस्पताल में तैनात स्टाफ और डॉक्टर्स द्वारा अपनी जेब गरम करने के लिये इलाज के नाम पर मरीजों से लूट-खसोट करने का बड़ा मामला सामने आया है। अब तक मरीज सदर अस्पताल के कर्मचारियों पर गाहे-बगाहे रिश्वतखोरी का आरोप लगाते रहते थे, लेकिन अब अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने ही अस्पताल में बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी को स्वीकार किया और बताया कि घूस के रकम की बंदरबांट कैसे की जाती है।

जिला अस्पताल में तैनात डाक्टर का एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। यह वीडियो अस्पताल के सर्जन डॉक्टर नरेश विशाल का है। डॉक्टर नरेश रिश्तखोरी के पूरी कहानी बयां कर रहे हैं। वह यह भी बता रहे हैं कि किस प्रकार से रिश्वत के पैसों का बंटवारा होता है। डा. नरेश ने मरीज के परिजनों से आप्रेशन करवाने के बदले रूपयों की मांग की। चौंकाने वाली बात यह है कि डा. नरेश को रिश्वतखोरी में कोई बुराई नजर नहीं आती है। वे वीडियो में यह सुने और कहते देखे जा सकता हैं कि डीएम और आरटीओ भी घूस लेते हैं।

डा. नरेश बताते हैं कि ऑपरेशन के लिये रिश्वत के पैसों का एक हिस्सा एनेस्थीसिया के डॉ चौधरी लेते हैं, दूसरा हिस्सा अस्पताल के कर्मचारी में बटंता है और तीसरा हिस्सा वह स्वयं लेते हैं। डा. नरेश ने यह भी कहा कि कि बाहर मरीजों का पैसा ज्यादा लगता है और यही काम वह यहां कम पैसों में कर देते हैं।
 










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