तेल उत्खनन के लिए एमओयू से पहले जनजातीय निकायों से ली जायेगी सलाह, जानिये क्या है पूरा मामला
नागालैंड के उप मुख्यमंत्री वाई पैटन ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि वह तेल उत्खनन के लिए असम के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने से पहले हितधारकों और जनजतीय निकायों के साथ परामर्श करेगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोहिमा, पांच मई (भाषा) नागालैंड के उप मुख्यमंत्री वाई पैटन ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि वह तेल उत्खनन के लिए असम के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने से पहले हितधारकों और जनजतीय निकायों के साथ परामर्श करेगी।
पैटन ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। इससे पहले प्रस्तावित एमओयू पर विभिन्न जनजातीय संगठनों और नगा भूमिगत समूहों ने आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा, ''असम सरकार के साथ एमओयू करने से पहले सरकार सभी हितधारकों के साथ एक परामर्श बैठक करेगी।''
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि न केवल किसी विशेष जनजाति बल्कि तेल क्षेत्र के मोन, लोंगलेंग, मोकोकचुंग, वोखा, नुइलैंड, दीमापुर और पेरेन सहित सभी आदिवासी निकायों और हितधारकों के साथ परामर्श किया जाएगा।
इस एमओयू पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, हालांकि नागालैंड और असम के मुख्यमंत्रियों ने इस पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है।
पैटन ने जोर देकर कहा कि जब तक हितधारकों के साथ इस पर गहन चर्चा नहीं की जाती, तब तक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होंगे।
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भाषा पाण्डेय
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