TMC vs BJP: टीएमसी बोली- केंद्र ने दिल्ली में विरोध रैली की नहीं दी अनुमति

डीएन ब्यूरो

तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि बंगाल के मनरेगा व अन्य योजनाओं के कोष को रोकने के विरोध में दिल्ली में अक्टूबर में पार्टी द्वारा विरोध रैली आयोजित करने को भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष


कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि बंगाल के मनरेगा व अन्य योजनाओं के कोष को रोकने के विरोध में दिल्ली में अक्टूबर में पार्टी द्वारा विरोध रैली आयोजित करने को भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी।

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 21 जुलाई को पार्टी की शहीद दिवस रैली में यह घोषणा की थी कि पार्टी मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत बंगाल को दी जाने वाली निधि को रोकने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ गांधी जयंती (दो अक्टूबर) पर दिल्ली में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ''हमने बहुत पहले यह घोषणा की थी कि हम मनरेगा के तहत निधि को रोकने के लिए केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दो अक्टूबर को दिल्ली में एक विरोध रैली आयोजित करेंगे। हमने दिल्ली पुलिस को एक आवेदन भेजकर राम लीला मैदान में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। हमने 30 सितंबर से चार अक्टूबर तक मैदान की मांग रखी थी।''

तृणमूल नेता ने कहा कि उन्हें हाल में दिल्ली पुलिस से एक पत्र मिला, जिसमें यह कहा गया है कि यह मांग महीनों पहले की जानी चाहिए थी और इसलिए अब अनुमति नहीं दी जा सकती।

उन्होंने कहा, ''हमें लगता है कि यह भाजपा की एक चाल है ताकि नयी दिल्ली में बंगाल के विरोध कार्यक्रम को रोका जा सके। यह बंगाल और लोकतांत्रिक विरोध की आवाज को दबाने का एक प्रयास है। हम सभी जानते हैं कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है।''

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन्हें बुधवार (आज) शाम को अनुरोध प्राप्त हुआ है और वे इसकी जांच करेंगे। वहीं, प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तृणमूल को लोकतांत्रिक विरोध के बारे में नहीं बोलना चाहिए।

उन्होंने कहा, ''जब भाजपा लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगती है तो तृणमूल और उनका पुलिस विभाग इससे इंकार कर देता है। भाजपा इस तरह की प्रतिशोध की राजनीति में विश्वास नहीं करती और सिर्फ दिल्ली पुलिस ही इस बात का जवाब दे सकती है कि उन्हें अनुमति क्यों नहीं दी गई।''










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