जांच के लिये गये एनसीएसटी सदस्य ने मृतक आदिवासी के परिजनों से नहीं की मुलाकात, जानिये पूरा मामला
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के सदस्य अनंत नायक ने हिंसा प्रभावित संबलपुर का दौरा किया, हालांकि वह उस आदिवासी व्यक्ति के परिजन से नहीं मिल पाए जिसकी 14 अप्रैल की रात संबलपुर में हत्या कर दी गई थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
संबलपुर: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के सदस्य अनंत नायक ने हिंसा प्रभावित संबलपुर का दौरा किया, हालांकि वह उस आदिवासी व्यक्ति के परिजन से नहीं मिल पाए जिसकी 14 अप्रैल की रात संबलपुर में हत्या कर दी गई थी।
आयोग के सदस्य ने घटना में घायल व्यक्ति से मंगलवार को मुलाकात की और शहर में 14 अप्रैल की रात को हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुए हमले के बारे में पूछताछ की।
चंद्रकांता मिर्धा के झारमुंडा गांव में स्थित घर पर ताला लगा था, इसलिए नायक मृतक के परिवार से नहीं मिल पाए। हालांकि उन्होंने घटना में घायल हुए भवानीपली के बिस्वनाथ सिक्का उर्फ कालिया से बातचीत की।
संबलपुर में 14 अप्रैल को हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान नगर पुलिस थाना अंतर्गत इलाके में बदमाशों ने मिर्धा पर हमला कर दिया था जिसमें उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
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पुलिस ने हालांकि कहा कि इस हत्या का संबंध संबलपुर में 12 अप्रैल को हनुमान जयंती शोभायात्रा बाइक रैली पर हमले के बाद पैदा हुए तनाव से नहीं है। पुलिस ने घटना के संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए नायक ने कहा, ‘‘मैं झारमुंडा में मृतक चंद्रकांत मिर्धा के परिजनों से नहीं मिल सका। मुझे बताया गया कि परिवार ‘गंगा नदी में अस्थि विसर्जन’ के लिए गया है। हालांकि मैंने गांव में अन्य लोगों से चर्चा की। मृतक के परिवार को अत्याचार के पीड़ित के लिए सरकारी प्रावधान के अनुसार अब तक 4.62 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैंने भवानीपली में घटना के चश्मदीदों से मुलाकात की और उनसे बात की। हमने आज (मंगलवार को) क्षेत्र निरीक्षण किया। हमलोग एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। हमलोग जिला प्रशासन की रिपोर्ट का अध्ययन भी करेंगे और इसके बाद सभी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को भेजी जाएंगे।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नायक ने कहा कि कई लोगों ने शिकायत की है कि चंद्रकांत मिर्धा के अंतिम संस्कार के दौरान आदिवासी रस्मों को नहीं निभाया गया। इससे आदिवासी समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।
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मिर्धा परिवार की अनुपस्थिति पर संबलपुर की कलेक्टर अनन्या दास ने कहा, ‘‘मैं समझती हूं कि वे मिर्धा के अंतिम संस्कार के लिए कहीं गए हैं।’’ इस बीच संबलपुर में स्थिति में उल्लेखनीय सुधार को देखते हुए जिला प्रशासन ने ओडिशा के पश्चिमी शहर में कर्फ्यू में ढील दी है।
संबलपुर की कलेक्टर ने कहा कि 12 अप्रैल और 14 अप्रैल को हनुमान जयंती के उत्सव के दौरान संघर्ष का गवाह रहे संबलपुर में कर्फ्यू में दो और घंटे की छूट दी गई है। यह छूट सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक रहेगी।
इससे पहले सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने हिंसा के संबंध में करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया है।