शिक्षक संघ दावा राज्यपाल असल समस्याओं पर नहीं दे रहे ध्यान, जानें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल में विश्वविद्यालय के शिक्षकों के संगठनों ने दावा किया कि राज्यपाल सी. बी. आनंद बोस ने हाल ही कुलपतियों को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों के कामकाज पर साप्ताहिक रिपोर्ट देने को कहा है, लेकिन उनसे असम समस्याओं के समाधान में मदद नहीं मिलेगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विश्वविद्यालय के शिक्षकों के संगठनों ने रविवार को दावा किया कि राज्यपाल सी. बी. आनंद बोस ने हाल ही कुलपतियों को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों के कामकाज पर साप्ताहिक रिपोर्ट देने को कहा है, लेकिन उनसे असम समस्याओं के समाधान में मदद नहीं मिलेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल बोस के इस पत्र ने तृणमूल कांग्रेस-नीत सरकार को नाराज कर दिया है और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने इसपर जोर दिया कि इस आदेश की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

शिक्षक संघों का दावा है कि राज्य सरकार और राजभवन के बीच तनातनी से विश्वविद्यालों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं और कुलाधिपति के लिए हालात को समझना मुश्किल होगा, क्योंकि विश्वविद्यालयों के दर्जे की समीक्षा नहीं हुई है।

राज्यपाल सचिवालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा चार अप्रैल को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ‘‘साप्ताहिक गतिविधियों की रिपोर्ट सप्ताह के अंतिम कार्य दिवस पर ईमेल द्वारा भेजी जानी चाहिए और ऐसा कोई भी फैसला, जिसके वित्तीय प्रभाव हो सकते हैं, उन्हें पूर्वानुमति के लिए माननीय कुलाधिपति को भेजा जाए।’’

अखिल बंगाल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एबुटा) की कार्यकारी समिति के सदस्य गौतम मैती ने कहा कि राज्य सरकार और राज भवन की सभी शक्तियों को अपने हाथों में रखने की आदत से विश्वविद्यालयों की शिक्षण गतिविधियों पर असर होगा और किसी भी पक्ष से हमें ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ वांछनीय नहीं है।










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