Teachers Day 2022: शिक्षक दिवस पर जानिये डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन की रोचक बातें, पिता बनाना चाहते थे पुजारी

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन पूरा देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस के मौके पर जानिये उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 5 September 2022, 9:58 AM IST
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नई दिल्ली: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर पूरा देश शिक्षक दिवस मनाता है। वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति रहे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक कुशल शिक्षक थे। इनका जन्म 5 सितंबर को हुआ था और उनकी याद में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

कुशल शिक्षक के साथ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन वह एक अच्छे राजनेता व लेखक भी थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को दक्षिण भारत के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

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पिता चाहते थे बेटा बने पुजारी

राधाकृष्णन का बाल्यकाल तिरूतनी एवं तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही व्यतीत हुआ। उन्होंने प्रथम आठ वर्ष तिरूतनी में ही गुजारे। इनको संस्कृत और धार्मिक ग्रंथों का काफी ज्ञान था। यही वजह थी कि राधाकृष्णन के पिता चाहते थे कि वह पुजारी बनें। लेकिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को तो देश का सर्वोच्च पद कहे जाने वाले राष्ट्रपति पद पर विराजमान होना था।

जन्मदिन पर शिक्षक दिवस

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जब शिक्षक थे तब उनके छात्र उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे। तभी इस दौरान एक बार उन्होंने कहा कि अगर उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उनको काफी अच्छा लगेगा। तभी से उनके जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।

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राज्यसभा में सुनाया करते थे श्लोक

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति के पद पर होने के साथ ही राज्यसभा को भी संभाला करते थे। जब कभी सभा में किसी मुद्दे या अन्य गतिविधियों के दौरान शोर-शराबा होने लगता था तो वह राज्यसभा में मौजूद लोगों को संस्कृत के श्लोक सुनाने लगते थे।