WFI Election: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का फैसला, कुश्ती महासंघ के चुनाव पर लगी रोक हटी, जानिये कब होंगे चुनाव

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के बहुप्रतीक्षित चुनावों की नयी तारीख की घोषणा बुधवार को होने की संभावना है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट
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नयी दिल्ली: भारतीय ओलंपिक समिति (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति के एक सदस्य ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के बहुप्रतीक्षित चुनावों की नयी तारीख की घोषणा बुधवार को होने की संभावना है।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने मंगलवार को उच्च न्यायालय की रोक हटा दी। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल ने उच्च न्यायालय के 25 सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

तदर्थ समिति के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने चुनाव कराने के लिए आईओए द्वारा नियुक्त निर्वाचन अधिकारी से बात की है और वह उच्चतम न्यायालय के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया दोबारा कब शुरू होगी, इस पर निर्णय लेना उन पर निर्भर है।’’

बाजवा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह (निर्वाचन अधिकारी)  संभवत: बुधवार तक (चुनाव की तारीख पर) फैसला ले लेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक तदर्थ समिति की बात है, हम इसके लिए तैयार है।’’

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट सहित सात पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कुश्ती का कामकाज देखने के लिए 27 अप्रैल को तदर्थ पैनल की नियुक्ति की थी। जिसे 45 दिनों के अंदर डब्ल्यूएफआई के चुनाव करने की जिम्मेदारी दी गयी थी।

विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को 24 अगस्त को निलंबित कर दिया था।

इससे पहले डब्ल्यूएफआई के चुनाव सात मई को होने थे लेकिन खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य करार दे दिया था। कई असंतुष्ट और असंबद्ध राज्य इकाइयों के मतदान में भाग लेने का अधिकार हासिल करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के कारण चुनाव कई बार स्थगित किए गए।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश महेश मित्तल कुमार को 12 जून को डब्ल्यूएफआई चुनाव कराने के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था। उन्होंने मूल रूप से मतदान की तारीख 11 जुलाई निर्धारित की थी।

असम कुश्ती संघ गुवाहाटी उच्च न्यायालय चला गया और चुनाव पर रोक लगवाने में सफल रहा। आंध्र कुश्ती संघ ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय ने चुनौती दी। शीर्ष अदालत ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करके चुनाव के लिए रास्ता साफ कर दिया।

निर्वाचन अधिकारी ने इसके बाद घोषणा की कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 12 अगस्त को होंगे लेकिन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाले हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्लयूए) की याचिका फिर से इस पर रोक लगा दी।

एचडब्ल्यूए ने हरियाणा अमेच्योर कुश्ती संघ को डब्ल्यूएफआई चुनावों में मत डालने की अनुमति देने के कदम को चुनौती दी थी।










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