सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों में दिया अल्पसंख्यकों की पहचान का अंतिम मौका, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान और तेलंगाना तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए ‘अंतिम मौके’ के तौर पर छह सप्ताह का समय दिया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को राजस्थान और तेलंगाना तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए ‘अंतिम मौके’ के तौर पर छह सप्ताह का समय दिया।

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के. एम. नटराज ने न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति ए. अमानुल्लाह की पीठ को बताया कि राजस्थान और तेलंगाना से अब भी जवाब का इंतजार है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से भी आंशिक जवाब का इंतजार है।

उन्होंने पीठ से इन राज्यों को अपना जवाब प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर देने का आग्रह किया।

पीठ ने छह सप्ताह का समय देते हुए कहा कि इसके आदेश की प्रति दोनों राज्यों (राजस्थान और तेलंगाना) तथा केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) को भेज दी जाए, साथ ही यह भी सूचित किया जाए कि यदि वे जवाब नहीं देते हैं तो शीर्ष अदालत उन्हें अब मौका नहीं देगी।

शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई में करने का निर्णय लिया।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका सहित विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। उपाध्याय ने राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।










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