केरल में स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी की मरीज की अपनी तरह की पहली सर्जरी हुई

डीएन ब्यूरो

मस्तिष्क की नर्व कोशिका और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने वाली आनुवंशिक बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) के मरीजों को राहत देते हुए केरल में सरकारी चिकित्सा कॉलेज ने ऐसे मरीजों की रीढ़ की विकृति ठीक करने के लिए एक नवीन सर्जरी शुरू की है।

सर्जरी (फाइल)
सर्जरी (फाइल)


तिरुवनंतपुरम: मस्तिष्क की नर्व कोशिका और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने वाली आनुवंशिक बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) के मरीजों को राहत देते हुए केरल में सरकारी चिकित्सा कॉलेज ने ऐसे मरीजों की रीढ़ की विकृति ठीक करने के लिए एक नवीन सर्जरी शुरू की है।

रीढ़ की मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण उसकी असामान्य वक्रता स्कोलियोसिस के लिए यहां गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सर्जरी की गयी जो किसी सरकारी अस्पताल में अपनी तरह की पहली सर्जरी है।

स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को यहां बताया कि हड्डी रोग विभाग की निगरानी में बृहस्पतिवार को यह सर्जरी की गयी।

उसने बताया कि कोझीकोड की एसएमए से पीड़ित 14 वर्षीय लड़की की यह सर्जरी की गयी जो इस दुर्लभ बीमारी के कारण पिछले 11 साल से व्हीलचेयर पर थी।

बयान में कहा गया है कि आठ घंटे चली सर्जरी जटिल थी, लेकिन सफल रही और स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सर्जरी करने वाले डॉक्टरों तथा चिकित्सा दल को बधाई दी।

लड़की अभी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रही है।

बयान के अनुसार, निजी अस्पतालों में इस सर्जरी का खर्च 15 लाख रुपये है और सरकारी चिकित्सा कॉलेज में इसे मुफ्त किया गया।

 










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