RIP Mulayam Singh Yadav: देश के एक वरिष्ठ पत्रकार की नजर में मुलायम सिंह यादव का देखिये सियासी सफर

डीएन ब्यूरो

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ ही देश की राजनीति का एक युग मानो खत्म सा हो गया है। देश के एक बड़े पत्रकार की नजर में जानिये मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर



नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, संरक्षक और उत्तर प्रदेश के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के निधन से देश की राजनीति का एक बड़ा अध्याय खत्म हो गया है। एक साधारण पृष्ठभूमि से सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़कर सियासत के शिखर पर पहुंचने वाले मुलायम सिंह यादव का व्यक्तित्व बेहद चमत्कारिक और प्रेरक रहा है। उनका गोलोक गमन समाज और राजनीति को हमेशा अखरता रहेगा। मुलायम सिंह यादव के निधन पर देश के वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने सपा संस्थापक के व्यक्तित्व को अपने संस्मरणों के जरिये साझा किया। 

इस रिपोर्ट और वीडियो में एक वरिष्ठ पत्रकार के रूप में मनोज टिबड़ेवाल आकाश के नजरिये से जानिये मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर

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डाइनामाइट न्यूज़ के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश कहते हैं कि एक पत्रकार के रूप में लगभग 20 साल पहले उनकी मुलायम सिंह यादव से पहली मुलाकात हुई। उसके बाद वे कई मर्तबा सपा संस्थापक से मिले और उनका इंटरव्यू किया। दूरदर्शन न्यूज़, नई दिल्ली के संवाददाता के रूप में मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मुलायम यादव का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया।

वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल कहते हैं मुलायम सिंह यादव के बारे में बात करने के लिये कई दिन भी कम पड़ जाएंगे। वे कहते हैं मुलायम सिंह कई खूबियों वाले नेता थे। किसी बड़ी गलती के बाद भी किसी को माफ करने और सियासी दुश्मन को गले लगाने का बड़ा गुण मुलायम सिंह यादव के जीवन का सबसे उज्ज्वल पक्ष रहा। उन्होंने बे्नी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह को न केवल माफ किया बल्कि उन्हें राज्यसभा भी पहुंचा दिया।

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मनोज कहते हैं, मुलायम सिंह यादव को एक बार की मुलाकात के बाद भी छोटे-छोटे पार्टी कार्यकर्ता का नाम याद रहता था। वे कार्यकर्ता को भी उतना ही सम्मान देते थे, जितना पार्टी पदाधिकारी, किसी बड़े नेता या मंत्री को। वे राजनीति को समाज सेवा का जरिया मानते थे और गरीबों, पिछड़ों, वंचितों, किसानों, दलितों की आवाज उठाते थे। वे राजनीति में नये प्रयोगों को आजमाने में कभी पीछे नहीं रहे और लगातार आगे बढ़ते चले गये।

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उनकी सफलता का सबसे बड़ा पहलू ये है कि वे सेल्फमेड नेता रहे। खुद एक गरीब परिवार से निकलकर देश की इतनी बड़ी शख्सियत बने, अपनी पार्टी बनायी और एक नयी विचारधारा का सूत्रपात किया। 










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