24 साल पहले पत्नी के कथित प्रेमी को घायल करने के दोषी को न्यायालय से राहत, सजा कम हुई
पत्नी के साथ कथित रूप से अवैध संबंध रखने के आरोप में 1999 में कैंची मारकर एक व्यक्ति को घायल करने के दोषी को मंगलवार को उस वक्त राहत मिली जब उच्चतम न्यायालय ने उसे दी गयी सजा को कम करके पहले से काटी गयी जेल के साथ समायोजित कर दिया।
नई दिल्ली: पत्नी के साथ कथित रूप से अवैध संबंध रखने के आरोप में 1999 में कैंची मारकर एक व्यक्ति को घायल करने के दोषी को मंगलवार को उस वक्त राहत मिली जब उच्चतम न्यायालय ने उसे दी गयी सजा को कम करके पहले से काटी गयी जेल के साथ समायोजित कर दिया।
न्यायालय ने यह भी कहा कि हत्या के प्रयास के अपराध के लिए उसकी दोषसिद्धि को बरकरार नहीं रखा जा सकता है।
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शीर्ष अदालत ने कहा कि दोषी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 326 के तहत अपराध का मामला बनाया गया था, जो खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने से संबंधित है।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा, 'यह घटना 23/24 साल पहले हुई थी। अपीलकर्ता (दोषी) के अनुसार इस घटना का मूल कारण यह था कि घायल व्यक्ति का अपीलकर्ता की पत्नी के साथ अनुचित संबंध था। यह विवाद का विषय नहीं है, क्योंकि घायल व्यक्ति ने जिरह के दौरान इस तथ्य को स्वीकार किया था।’’
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शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2018 के फैसले के खिलाफ दोषी की अपील पर अपना फैसला सुनाया।