घरेलू बाजार में ग्राहकों के लिये आरबीआई ने लिया ये बड़ा फैसला, पढ़िये ताजा रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के भीतर रुपये में ‘नॉन-डेलिवरेबल फॉरेन एक्सचेंज डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट’ (एनडीडीसी) व्यवस्था के विकास के लिए कदम उठाया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (फ़ाइल)
भारतीय रिजर्व बैंक (फ़ाइल)


मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के भीतर रुपये में ‘नॉन-डेलिवरेबल फॉरेन एक्सचेंज डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट’ (एनडीडीसी) व्यवस्था के विकास के लिए कदम उठाया है। इसके तहत, उन बैंकों को घरेलू बाजार में ग्राहकों को रुपये में एनडीडीसी की पेशकश करने की मंजूरी दी गयी है जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में बैंकिग इकाई (आईबीयू) का परिचालन करते हैं।

उल्लेखनीय है कि आईएफएससी में बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) का संचालन करने वाले बैंकों को प्रवासियों के साथ रुपये में एनडीडीसी लेनदेन करने की मंजूरी पहले से है। यह व्यवस्था एक जून, 2020 से प्रभावी है।

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईबीयू को प्रवासियों के अलावा आपस में भी एनडीडीसी के रुपये में लेनदेन की मंजूरी होगी।

आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘देश के भीतर रुपये में एनडीडीसी व्यवस्था के विकास और लोगों को जोखिम से बचाव के साथ वित्तीय कार्यक्रम बनाने में लचीलापन देने के लिए आईबीयू का संचालन करने वाले बैंकों को घरेलू बाजार में निवासी ग्राहकों को रुपये में एनडीडीसी की पेशकश करने की मंजूरी देने का फैसला किया गया है।’’

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इन बैंकों को विदेशी लोगों के साथ एवं आपस में भी अपने एनडीडीसी लेनदेन के निपटान की छूट होगी। यह अनुबंध निपटान भारतीय रुपये या विदेशी मुद्रा में किया जा सकता है। वहीं भारतीय निवासियों के साथ सौदा निपटान अनिवार्य रूप से रुपये में ही किया जाएगा।

आरबीआई ने कहा कि इस व्यवस्था से संबंधित दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।










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