Jharkhand: 15 लाख के इनामी नक्सली मिथिलेश उर्फ दुर्योधन ने किया सरेंडर, जानिये उसके माओवादी बनने की कहानी
नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के रीजनल कमेटी के सदस्य और 15 लाख के इनामी मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्याधन महतो ने शुक्रवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रांची: नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के रीजनल कमेटी के सदस्य और 15 लाख के इनामी मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो उर्फ बड़ा बाबू उर्फ बड़का दा ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। मिथिलेश सिंह ने रांची में झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष सरेंडर किया। मिथिलेश के खिलाफ विभिन्न जिलों में 100 से अधिक गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। वह पुलिस थाने पर हमला करके बड़ी संख्या में हथियारों को लूटने के बाद सबसे पहले सुर्खियों में आया था।
मिथिलेश सिंह के आत्मसमर्पण के दौरान आईजी अभियान एवी होमकर रांची रेंज के आईजी पंकज कंबोज सहित राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के कई आला अधिकारी मौजूद थे।
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मिथिलेश सिंह 90 के दशक में छात्र संगठन से जुड़कर माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। संगठन में समय गुजरने के साथ उसका ओहदा बढ़ता गया। साल 2001 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बना दिया गया। दुर्योधन जेल से साल 2013 में बाहर निकलने के बाद संगठन से माफीनामा लेकर वह दोबारा शामिल हो गया था।
साल 2018 में मिथिलेश को फिर से झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया और जिलगा सबजोन का जिम्मा दिया गया। उतरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के अंतर्गत ऊपरघाट, झुमरा पहाड़, विष्णुगढ़ और रामगढ़ के क्षेत्र (इसे जिलगा सबजोन कहते हैं) की कमान दुर्योधन के जिम्मे थी।
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झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमला और खासमहल के सीआइएसएफ बैरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना में सुर्खियों में मिथिलेश का नाम आया था। वर्ष 2003 में चंद्रपुरा रेलवे स्टेशन पर स्थित पुलिस थाना में हमला कर करीब दो दर्जन हथियार लूट लिए थे। मिथिलेश पर झारखंड के विभिन्न जिलों में 104 मामले दर्ज हैं। बोकारो में 58 चतरा में पांच सरायकेला खरसावां में चार खूंटी में 3 चाईबासा 2 हजारीबाग में 26 धनबाद में एक और गिरिडीह में पांच मामले दर्ज है।
मूलरूप से धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के गेंदनावाडीह का रहनेवाला मिथिलेश सिंह पर बोकारो में कई बड़ी आपराधिक घटनाओं में शामिल रह चुका है।