West Bengal: नाबालिग लड़की की मौत पर प्रदर्शन के बाद कालियागंज में निषेधाज्ञा लागू, पढ़िये पूरा अपडेट
पश्चिम बंगाल में उत्तरी दिनाजपुर जिले के कुछ हिस्सों में 17 वर्षीय एक लड़की की मौत को लेकर पुलिस तथा स्थानीय लोगों के बीच झड़पों के बाद रविवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कालियागंज: पश्चिम बंगाल में उत्तरी दिनाजपुर जिले के कुछ हिस्सों में 17 वर्षीय एक लड़की की मौत को लेकर पुलिस तथा स्थानीय लोगों के बीच झड़पों के बाद रविवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल के मृत लड़की के परिवार से मुलाकात करने के लिए पहुंचने से कुछ घंटे पहले निषेधाज्ञा लागू की गई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एहतियाती उपाय के तौर पर आज से 15 दिन के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है, हालांकि इसकी अवधि समीक्षा के अधीन होगी।
कानून के अनुसार, हम चार या इससे अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं देंगे। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’
बहरहाल, कानूनगो को एनसीपीसीआर के तीन अन्य प्रतिनिधियों के साथ लड़की के परिवार से मुलाकात करने की अनुमति दी गई। उनके साथ पुलिसकर्मी भी थे।
लड़की के परिवार के सदस्यों के साथ करीब दो घंटे रहने के बाद कानूनगो ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अभी तक पीड़ित परिवार से बात नहीं की है।
कानूनगो ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पीड़ित के परिवार के सदस्यों से बात करने के बाद, हमें पता चला है कि पुलिस ने अभी तक पीड़िता के परिवार के किसी भी सदस्य का बयान दर्ज नहीं किया है। ऐसा करने से पहले उन्हें (पुलिस को) किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।’’
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पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) ने आरोप लगाया कि कानूनगो तथा उनके दल ने ‘‘मामले का राजनीतिकरण’’ करने की कोशिश के तहत क्षेत्र का दौरा किया और वे सीपीसीआर कानून (बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम) का उल्लंघन कर रहे हैं।
डब्ल्यूबीसीपीसीआर अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती ने कहा कि एनसीपीसीआर के दल के दौरे की ‘‘बिलकुल भी जरूरत नहीं’’ थी।
चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एनसीपीसीआर ने कानून का घोर उल्लंघन किया और राज्य की छवि धूमिल करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ गैरकानूनी तरीके से पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया। वे निषेधाज्ञा का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए मृत लड़की के घर पत्रकारों का एक बड़ा दल लेकर गए। यह शर्मनाक है। उन्हें अपने दौरे के बारे में हमें बताना चाहिए था और मामले में हमारी प्रतिक्रिया लेनी चाहिए थी।’’
एनसीपीसीआर दल के दौरे से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘राज्य सरकार महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ अत्याचारों को रोकने में बुरी तरह नाकाम है। जब कालियागंज के लोगों ने लड़की की बर्बर हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो पुलिस ने उनकी पिटायी की और लोगों की भावनाएं आहत करते हुए असंवेदनशील तरीके से लड़की का शव ले गयी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीपीसीआर के साथ मिलकर काम करने के बजाय पश्चिम बंगाल सीपीसीआर ‘‘टीएमसी सरकार के इशारे’’ पर केंद्रीय आयोग के दौरे पर आपत्ति जता रहा है और मृतक लड़की के परिवार का साथ नहीं दे रहा है।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमें सभी वंचित नाबालिगों के साथ ही शोक संतप्त परिवार के लिए न्याय चाहिए। मौजूदा हालात में केवल एनसीपीसीआर ही ऐसा कर सकता है। राज्य को मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’
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वहीं, टीएमसी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि एनसीपीसीआर प्रमुख ने ‘‘राजनीतिक वजहों’’ से दौरा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘लड़की की मौत दुखद है और पुलिस घटना की जांच कर रही है, लेकिन जांच पूरी होने से पहले भाजपा हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेता इलाके का दौरा कर रहे हैं और अफवाहें फैलाकर लोगों को उकसा रहे हैं।’’
घोष ने कहा, ‘‘इसके कारण प्रशासन को कुछ इलाकों में निषेधाज्ञा लागू करना पड़ा। एनसीपीसीआर प्रमुख को पत्रकारों के इतने बड़े दल के साथ अभी इलाके का दौरा करने की क्या आवश्यकता थी? उनका दौरा राजनीतिक है।’’
इस बीच, कालियागंज में पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच इलाके में शांति कायम है।
पुलिस ने शुक्रवार को एक नहर से नाबालिग लड़की का शव मिलने के बाद हुई झड़पों में शामिल होने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
लड़की की मां की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उत्तरी दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सना अख्तर ने दावा किया कि प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है।