Priyanka Gandhi in Lalitpur: ललितपुर में मृतक किसानों के परिजनों से मिलीं प्रियंका गांधी, किया कर्ज चुकाने का वादा

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज ललितपुर में खाद संकट के चलते जान गंवाने वाले 4 किसानों के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों का कर्ज चुकाने का वादा किया। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

ललितपुर में मृत किसानों के परिजनों से मिलीं प्रियंका गांधी वाड्रा
ललितपुर में मृत किसानों के परिजनों से मिलीं प्रियंका गांधी वाड्रा


ललितपुरः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ललितपुर से पाली तहसील पहुंचकर मृतक किसानों के परिवारों से मिलीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ललितपुर, बुंदेलखंड में पीड़ित किसान परिवारों से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की। 

प्रियंका ने परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और ढांढस बंधाया। इस दौरान एक मृतक किसान की पत्नी रोते-रोते बेहोश हो गईं तो प्रियंका ने उन्हें पानी पिलाया। प्रियंका गांधी ने सभी किसानों के परिवारों का कर्ज चुकाने का वादा किया। 

सबसे पहले प्रियंका गांधी कस्बा पाली निवासी मृतक किसान बब्लू  के घर पहुंचीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मृतक किसान की पत्नी और बेटे से मुलाकात कर संवेदनाएं व्यक्त की। इसके बाद प्रियंका किसान भोगी पाल के परिजनों से मिलने नयागांव पहुंचीं। 

इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला भी बोला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार की उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते खाद की कालाबाजारी चरम पर है और इससे उपजा संकट कर्ज में डूबे किसानो की जान ले रहा है।

खाद के कारण जान गंवाने वाले किसानो के परिजनों से मिलने ललितपुर पहुंची प्रियंका ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार को किसानो की पीड़ा से कोई मतलब नहीं है। लखीमपुर से ललितपुर तक किसान परेशान है। सरकार की नीतियों के चलते किसान कर्ज में डूबा हुआ है। खाद के लिये लाइन में खड़े किसान जान गंवा रहे है। खाद की कालाबाजारी चरम पर है। एक एक बोरी के लिए किसानो को दो दो दिनो तक लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। एक बोरी दो हजार रूपये की मिल रही है जिसमें 50 किलो की जगह सिर्फ 45 किलो खाद दी जा रही है। यह कालाबाजारी नहीं तो और क्या है। खाद की कालाबाजारी में अधिकारियों और नेताओं की भूमिका की जांच होनी चाहिए।


उन्होनें कहा कि सिर्फ ललितपुर में अब तक दो किसानो की लाइन में लगे लगे मौत हो चुकी है वहीं कर्ज के मकड़जाल में फंसे दो किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानो का दर्द है कि अबकी बरसात ठीक हुयी थी मगर खाद की कमी उनकी फसल चौपट कर रही है। अब सूदखोरों का पैसा कहां से चुकाएंगे।










संबंधित समाचार