कारोबारी के घर पर फर्जी छापा के आरोप में पुलिसकर्मी, आयकर विभाग के कर्मचारी सहित पांच गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में एक कारोबारी के घर पर फर्जी छापा मारने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल और आयकर विभाग के एक कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

आयकर विभाग (फाइल)
आयकर विभाग (फाइल)


नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में एक कारोबारी के घर पर फर्जी छापा मारने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल और आयकर विभाग के एक कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इकाई में तैनात हेड कांस्टेबल कुलदीप सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी द्वितीय) सतर्कता आयकर विभाग के निजी सचिव (पीएस) के रूप में तैनात दीपक कश्यप के साथ हिमांशु, रविंदर और शंभू शर्मा को गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि एक महिला समेत दो लोग फरार हैं और उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है। एक अन्य पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आयकर विभाग के कर्मचारी को सूचना मिली कि जनकपुरी में एक कारोबारी के घर में करीब 400 से 500 करोड़ रुपये हैं।

अधिकारी ने कहा कि छापा मारने से ठीक पहले, छह आरोपियों में से एक ने अन्य लोगों से एक महिला को भी अपनी साजिश में शामिल करने के लिए कहा ताकि छापा प्रामाणिक दिखे। अधिकारी के मुताबिक एक आरोपी ने सुझाव दिया कि घर में महिलाएं होंगी और जब वे परिसर में प्रवेश करेंगे तो किसी को भी संदेह नहीं होगा और ना ही पुलिस को कोई सूचित करेगा।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे की है। कारोबारी कुलजीत सिंह घर में अपनी पत्नी, बेटों और उनके परिवारों के साथ रहते हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी सिंह के घर में तब घुसे जब वह काम के लिए बाहर निकले थे।

उन्होंने बताया, ‘‘आरोपियों का इरादा था कि वे घर में तब घुसेंगे जब परिवार का मुखिया (सिंह) अंदर होगा। वे दिखावा करेंगे कि छापा असली है और मामले को निपटाने के लिए वे उनसे लगभग 10 से 15 करोड़ रुपये मांगेंगे। हालांकि, जब वे घर पहुंचे तो पता चला कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में लिफ्ट संचालन से जुड़ा काम करने वाले कारोबारी पहले ही वहां से जा चुके हैं।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके बाद आरोपियों ने घर में फर्जी तलाशी अभियान चलाया। आरोपियों ने दावा किया कि उनके पास तलाशी वारंट है और उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन ले लिए और फर्जी तलाशी ली, जिसमें उन्हें कुछ नहीं मिला और वे अपनी कार पर सवार होकर वहां से चले गए।’’

पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिवार के सदस्यों में से एक ने सिंह और उनके पड़ोसियों को घटना के बारे में सूचित किया और बाद में, उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूचना पाकर जनकपुरी थाने ने जांच शुरू कर दी। उन्हें सबसे पहले संबंधित विभाग से पता चला कि छापा फर्जी था। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की और आरोपियों का सुराग पाने के लिए परिवार के सदस्यों से बात की।

उन्होंने बताया कि उस वाहन की पहचान कर ली गई, जिसमें सवार होकर आरोपी घर आए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पता चला कि कार हेड कांस्टेबल की है।

सिंह की शिकायत पर जनकपुरी थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि साजिश कथित तौर पर कुलदीप और दीपक द्वारा रची गई थी, शंभू ने संभावित लक्ष्य के रूप में शिकायतकर्ता का नाम सुझाया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है।

 










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