Lok Sabha Election: अब क्या करेंगे भाजपा के गांधी? वरुण गांधी के टिकट को लेकर लग रही ये अटकलें

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी ने पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का टिकट काट कर उनकी जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पीलीभीत से कटा वरुण गांधी का टिकट
पीलीभीत से कटा वरुण गांधी का टिकट


पीलीभीत: भारतीय जनता पार्टी ने रविवार की रात पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा टिकट को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। भाजपा ने आखिरकार सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। पार्टी आलाकमान ने उनके स्थान पर लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी घोषित किया है।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार पीलीभीत सीट कटने के बाद अब सियासी गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि बीजेपी के गांधी अब आगे क्या करेंगे? क्योंकि नामांकन  दाखिल करने की अंतिम तारीख 27 मार्च है। क्या वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे या उनके सियासी सफर का अगला पड़ाव कोई नई पार्टी होगी? लेकिन अब तक वरुण के खेमे में खामोशी है। ऐसे में उनको लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है।  

दरअसल सांसद वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी विगत साढ़े तीन दशक से पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। सांसद वरुण गांधी दो ढाई साल से विीभन्न मुद्दों को लेकर सरकार को असहज करने वाले सवाल उठाते रहे हैं। जिस कारण वरुण गांधी का टिकट काटे जाने की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं।

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दरअसल, जनहित के मुद्दों को लेकर वरुण गांधी अपनी ही सरकार पर लगातार हमलावर रहे। उन्होंने बेरोजगारी, कृषि कानून जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की।

इसके बाद वरुण की भाजपा से बढ़ी हुई दूरियां कम होती नजर आईं, लेकिन विरोधी लगातार वरुण का टिकट काटने का दावा करता रहे। अब जब पीलीभीत से भाजपा ने वरुण को टिकट नहीं दिया है तो ऐसा लगता है जैसे कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया हो। 

जानकारों की मानें तो भाजपा आलाकमान ने उक्त परिस्थितियों के कारण ही टिकट काटा है। फिलहाल सांसद वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा? यह अभी तक साफ नहीं हो सका है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह के कयास लगने लगे हैं।

यहां यह जानना दिलचस्प है कि 20 मार्च को वरुण गांधी के निजी सचिव ने 4 सेट नामांकन खरीदे थे। इसे लेकर अटकलें लग रही हैं कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में आ सकते हैं। वरुण गांधी के निजी सचिव कमलकांत ने पिछले हफ्ते कलेक्ट्रेट पीलीभीत में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र खरीदे।

इस दौरान वरुण के निजी प्रवक्ता व अधिवक्ता एमआर मलिक कार्यालय प्रभारी दीपक पाण्डेय भी निजी सचिव के साथ थे। प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने वरुण गांधी के कहने पर ही नामांकन पत्र 2 हिंदी और 2 अंग्रेजी सहित 4 सेटों में खरीदे हैं। उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि वे भाजपा से ही प्रत्याशी होंगे। मगर, फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है और चर्चा होने लगी है कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर चुनाव लड़ सकते हैं।  

पीलीभीत संसदीय सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पहली बार वर्ष 1989 में सांसद निर्वाचित हुई थीं। जिसके बाद वह छह बार सांसद चुनी गईं। वर्ष 2009 में उनके पुत्र वरुण गांधी पीलीभीत संसदीय सीट से चुनाव लड़कर सांसद चुने गए थे। लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी सुल्तानपुर और मेनका गांधी पीलीभीत सीट से चुनाव लडकर जीते थे।

जानकारों के अनुसार वरूण गांधी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अभी पीलीभीत से बेटिकट हुए वरुण का अगला कदम क्या होगा? इसे लेकर वरुण या उनके समर्थकों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उनका अगला कदम क्या होगा फिलहाल यह भविष्य की गर्त में है।










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