निजामुद्दीन में लोगों का एकत्र होना ‘तालिबानी जुर्म’: नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लॉकडाउन के बावजूद निजामुद्दीन में हजारों की संख्या में तब्लीगी समाज के जुटने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे तालिबानी जुर्म करार देते हुए कहा है कि इसे माफ नहीं किया जा सकता है।
नयी दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने लॉकडाउन के बावजूद निजामुद्दीन में हजारों की संख्या में तब्लीगी समाज के जुटने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए इसे तालिबानी जुर्म करार देते हुए कहा है कि इसे माफ नहीं किया जा सकता है।
नकवी ने कहा कि एकतरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरा देश कोरोना वायरस के प्रकोप की चुनौती से पार पाने में जुटा है वहीं तब्लीगी समाज ने लाॅकडाउन के बावजूद इतनी बडी संख्या में एकत्रित होकर गंभीर अपराध किया है।
यह जानबूझकर किया गया अपराध है जो माफ नहीं किया जा सकता है।
It is a Talibani crime by Tabhleeghi Jamaat, such criminal act can not be forgiven. They have put lives of many people in danger. Strict action should be taken against such people & organisations that defy govt directions: MA Naqvi, Union Minority Affairs Minister on Markaz case pic.twitter.com/HUydHAPCDG
— ANI (@ANI) April 1, 2020
उन्होंने ट्वीट कर कहा,“तबलीगी जमात का ‘तालिबानी जुर्म’.. यह लापरवाही नहीं, ‘गम्भीर आपराधिक हरकत’ है। जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना से लड़ रहा है तो ऐसे ‘गम्भीर गुनाह’ को माफ नहीं किया जा सकता। (वार्ता)
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