नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को जमीन खाली करने को कहा गया, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

विश्व भारती विश्वविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से छह मई तक या 19 अप्रैल को जारी अंतिम आदेश के 15 दिन के भीतर 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विश्व भारती विश्वविद्यालय
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कोलकाता: विश्व भारती विश्वविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से छह मई तक या 19 अप्रैल को जारी अंतिम आदेश के 15 दिन के भीतर 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा है।

विश्वविद्यालय का दावा है कि सेन ने उसकी 13 डिसमिल जमीन पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा किया है।

भारत सरकार की सलाह और भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, एक सदी पुराने केंद्रीय संस्थान को अतिक्रमणों पर नियंत्रण पाने और मंत्रालय को रिपोर्ट जमा करने की तत्काल जरूरत है।

नोटिस में कहा गया, ‘‘ अमर्त्य सेन और सभी संबंधित लोगों को उक्त परिसर से यदि आवश्यक हो, बल का इस्तेमाल करके बेदखल किया जाए।’’

नोटिस के अनुसार, ‘‘ यह निर्णय किया गया है कि अनुसूचित परिसर के उत्तर-पश्चिमी कोने में 50 फुट लंबी और 111 फुट चौड़ी 13 डेसीमल भूमि उनसे वापस ली जाए।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार संयुक्त रजिस्ट्रार आशीष महतो द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, ‘‘ इस प्रकार वह अनुसूचित परिसर में केवल 1.25 एकड़ भूमि (पट्टे की शेष अवधि के लिए) कानूनी रूप से कब्जा कर सकते हैं। उनके पास अनुसूचित परिसर में 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है।’’

सेन ने लगातार इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि 1.25 एकड़ जमीन विश्व भारती द्वारा उनके पिता को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर दी गई थी, जबकि विवादास्पद 13 डेसीमल उनके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन का हिस्सा है और उनके पास यह साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं।

केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कुछ दिन पहले सेन को नोटिस जारी कर मामले पर 19 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था।










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