राजनाथ सिंह: पेरिस जलवायु समझौते के लिए अमेरिका पुनर्विचार करे

डीएन संवाददाता

राज्य आपदा मोचन बल का क्षमता निर्माण-2017 पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को आयोजन हुआ। आयोजन में राजनाथ सिंह ने पेरिस जलवायु के बारे में बात की।

राजनाथ सिंह, गृह मंत्री
राजनाथ सिंह, गृह मंत्री


नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि पेरिस जलवायु समझौते पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का बयान चौंकाने वाला है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नागरिकों के हितों की दुहाई देते हुए 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की है।

 गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पेरिस समझौते से अमेरिका को अलग करने वाला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भारत के लिए चौंकाने वाला रहा। साथ ही ऐसा विश्वास जताया कि अमेरिका अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा।

यह भी पढ़ें: राजनाथ सिंह: पिछले तीन साल में सुधरे हैं देश के सुरक्षा हालात

यह भी पढ़ें | राजनाथ ने कहा: कश्मीरियत अभी ज़िंदा, मेरा इसे सलाम

राज्य आपदा मोचन बल का क्षमता निर्माण-2017 पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में राजनाथ ने कहा कि यह भारत और विश्व समुदाय के लिए चिंता का विषय है कि कोई एक देश केवल अपने हित के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान हमारे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए स्तब्ध करने वाला रहा। मुझे भरोसा है कि अमेरिका इस फैसले के बारे में पुनर्विचार करेगा।

सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

सुषमा स्वराज ने दी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल ट्रंप के बयान को खारिज करते हुए कहा था कि भारत ने किसी देश के दबाव या पैसे के लालच में इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस समझौते का हिस्सा बना रहेगा, चाहे अमेरिका इसका हिस्सा रहे या ना रहे।

यह भी पढ़े: राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, कहा- सुधर जाओ वरना हम सुधार देंगे..

यह भी पढ़ें | International: अमेरिका ने विनाशकारी हथियारों को लेकर लागू आपातकाल की अवधि बढ़ाई

क्‍या है पेरिस जलवायु समझौता

साल 2015 में पेरिस जलवायु समझौता हुआ था। पर्यावरण को बचाने की इस मुहिम में 195 देश साथ आए थे। इस समझौते का उद्देश्‍य कार्बन एमिशन में कमी लाना है। इसके तहत ग्लोबलवॉर्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया। हालांकि बाद में इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ले जाने के लिए प्रयास किया गया। इस समझौते में अमेरिका को 26% कार्बन एमिशन कम करने के लक्ष्य दिया गया था।










संबंधित समाचार