नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश से भारी नुकसान, राहत और बचाव अभियान में तेजी

डीएन ब्यूरो

उत्तर भारत में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश के कारण कम से कम 20 और लोगों की मौत की खबर है, वहीं प्रशासन ने राहत और बचाव प्रयास बढ़ा दिये हैं।

बारिश (फाइल)
बारिश (फाइल)


नई दिल्ली: उत्तर भारत में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश के कारण कम से कम 20 और लोगों की मौत की खबर है, वहीं प्रशासन ने राहत और बचाव प्रयास बढ़ा दिये हैं।

हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मृतक संख्या 31 हो गयी है जो सोमवार तक 18 थी। वहीं, उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण पांच लोगों की मौत हुई जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कसोल, मणिकरण, खीर गंगा और पुल्गा इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि कुल्लू के सैंज इलाके में करीब 40 दुकानें और 30 मकान बारिश के पानी में बह गये। मुख्यमंत्री ने कुल्लू में एक राहत शिविर में लोगों से बात की और उन्हें भोजन वितरित किया।

उन्होंने बताया कि सात लोगों को लाहौल स्पीति के चंद्रताल पर्यटन स्थल से हवाई मार्ग के जरिये निकाला गया है। इनमें से दो को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनाली में फंसे हुए पर्यटकों को मंगलवार रात को निकाल लिया जाएगा जहां कुल्लू-मनाली मार्ग आंशिक रूप से खोल दिया गया है तथा मनाली में मोबाइल संपर्क भी दुरुस्त कर दिया गया है।

सुक्खू ने कहा कि चंद्रताल और सीसू समेत राज्य के किसी भी हिस्से में फंसे हुए पर्यटकों को बुधवार तक सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल ने कहा कि पिछले तीन दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य में 31 लोग मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रताल में 250 लोग फंसे हुए हैं और सीसू में 300 लोग फंसे हैं, वहीं मनाली जिले में भी करीब 300 लोग फंसे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हिमाचल प्रदेश में फंसे राज्य के लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिहाज से हिमाचल सरकार के साथ समन्वय कर काम किया जाए।

जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में पिछले तीन दिन में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई है।

भारी बारिश के परिणामस्वरूप इन इलाकों में नदियां, छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं।

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन पुराने रेलवे पुल को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

दिल्ली में यमुना का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम पांच बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार दोपहर 12 बजे तक यह 206.38 मीटर पर पहुंच गया।

उत्तराखंड में सोमवार रात उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में तीन वाहन दब गए, जिसके कारण मध्य प्रदेश के पांच तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए।

एक अधिकारी के मुताबिक घायल हुए सात लोगों में से दो की हालत गंभीर है।

उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल सोमवार रात को बह गया जिससे भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गयी तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया। यह पुल जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास था।

हिमाचल प्रदेश में अधिकारियों ने बताया कि लोसर तथा काजा की तरफ से सड़क मरम्मत के लिए दो दलों को भेजा गया है। दल में प्रशासन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सदस्य, पुलिसकर्मी तथा स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं।

इस बीच, पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद मंगलवार को मौसम साफ हो गया। बारिश के कारण दोनों राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई है।

अधिकारियों ने कहा कि रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला सहित दोनों राज्यों के प्रभावित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

पंजाब के होशियारपुर में नौ और 10 जुलाई की रात को भारी बारिश के कारण मिट्टी के घर की छत गिरने से 75 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। सुल्तानपुर लोधी में 24 वर्षीय युवक के शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका है।

हरियाणा के अंबाला शहर में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद एक आवासीय विद्यालय की कुल 730 छात्राओं को सोमवार की रात उनके छात्रावास परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि चूंकि, राज्य के हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इसलिए निकटवर्ती निचले इलाकों के लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने के लिए कहा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे बैराज से करीब 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि इस साल बैराज से छोड़े गए पानी की यह सबसे अधिक मात्रा है।

यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के कई गांवों और यमुना नदी से सटे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।

पंजाब और हरियाणा के कुछ सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, लेकिन अधिकारी उन्हें बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हरियाणा में जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में सोमवार मध्यरात्रि के आसपास लगातार बारिश के कारण एक मकान ढह जाने से 42 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और बेटा घायल हो गए।

राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, जहां सोमवार रात को प्रतापगढ़ जिले में 35 वर्षीय एक व्यक्ति उफनती कर्मवाछनी नदी में डूब गया।

 










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