Power Subsidy in Delhi: बिजली सब्सिडी को लेकर दिल्ली सरकार की नई घोषणा से राजधानी के उपभोक्ता भ्रमित

सुभाष रतूड़ी

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार बिजली बिल पर सब्सिडी को लेकर पिछले कुछ महीनों से एक के बाद एक नई घोषणाएं कर रही है। लेकिन सरकार द्वारा किसी भी घोषणा को अमल में न लाये जाने से उपभोक्ता परेशान और असमंजस में है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल
मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल


नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल सरकार बहुत पहले ही ये साफ कर चुकी है कि दिल्ली में अब हर मौजूदा उपभोक्ता को बिजली बिल पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। बिजली बिल पर नये सिरे से सब्सिडी पाने के नये तौर तरीकों को लेकर केजरीवाल सरकार कई घोषणाएं कर चुकी है। लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद भी सरकार द्वारा किस भी घोषणा पर अमल न किये जाने से राजधानी दिल्ली के अपभोक्ता पेशोपेश और परेशानी में हैं। वहीं कुछ उपभोक्ता सरकार की इन घोषणाओं को सशंकित दृष्टि से देख रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं का सवाल है कि कहीं सरकार की ये घोषणाओं बिजली सब्सिडी को हमेशा और पूरी तरह से बंद करने की कोई नई सियासी साजिश तो नहीं? 

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दिल्ली सरकार ने इसी साल मई माह में सबसे पहले बिजली सब्सिडी को लेकर अपनी नई नीति की घोषणा की थी। सीएम केजरीवाल ने घोषणा की है कि एक अक्टूबर 2022 के बाद बिजली पर सब्सिडी केवल उन लोगों को दी जाएगी, जो विशेष रूप से इसकी मांग करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो बिना सब्सिडी के बिजली बिल का भुगतान कर सकते हैं और इस पैसे से हम शहर, स्कूलों और अस्पतालों का विकास कर सकते हैं।

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दिल्ली सरकार ने जून में कहा था कि बिजली के बिल पर सब्सिडी योजना का लाभ लेने वाले लोगों जुलाई माह में एक फॉर्म भरना होगा। यह फार्म सब्सिडी छोड़ने और सब्सिडी जारी रखने वाले दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिये जरूरी होगा। इस फार्म में सब्सिडी के लिये हां और नहीं के विकल्पों में किसी एक को भरना होगा। सरकार ने ये फार्म डिजिटल और भौतिक दोनों ही रूपों में उपलब्ध कराने की बात की थी।

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सरकार ने कहा कि एक अक्टूबर के बाद बिजली के बिल पर मिलने वाली सब्सिडी केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को दी जाएगी जो फार्म भरकर सब्सिडी के लिये ‘हां’ के विकल्प को चुनेंगे। फार्म के साथ मुख्यमंत्री का पत्र भेजने का भी ऐलान किया गया था। 

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बिजली सब्सिडी की उक्त घोषणा को और ज्यादा आसान बनाते हुए अगस्त माह के तीसरे सप्ताह में केजरीवाल सरकार ने फिर एक नई घोषणा की। सरकार ने नई घोषणा में कहा कि बिजली सब्सिडी चुनने के लिए दिल्लीवासियों को जल्द ही मिस्ड कॉल करके रजिस्ट्रेशन का विकल्प दिया जायेगा। दिल्ली के बिजली उपभोक्ता आसानी से बिजली सब्सिडी का विकल्प चुन सके इसके लिए दिल्ली सरकार जल्द ही एक फोन नंबर जारी करेगी। इसके अलावा मौजूदा बिजली बिलों पर क्यू आर कोड देने का भी ऐलान किया गया था।

दिल्ली सरकार की उक्त घोषणा पर यदि भरोसा किया जाए तो अगले अक्टूबर माह से सरकार उन उपभोक्ताओं की बिजली सब्सिडी बंद कर देगी, जो फार्म में सब्सिडी जारी रखने के लिये ‘हां’ के विकल्प को नहीं भरेंगे या फिर जो मिस्ड कॉल करके या क्यूआर कोड के जरिये अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएंगे। सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक 15 सितंबर के बाद से अधिकारी और कर्मचारी बिजली बिलों की रीडिंग लेना शुरू करेंगे, जिसके बाद उपभोक्ताओं को 1 अक्टूबर से सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले बिल मिलने लगेंगे। 

उक्त घोषणाओं को लेकर उपभोक्ता केजरीवाल सरकार की नीयत और नीति को लेकर सवाल उठाने लगे हैं, जो स्वाभाविक भी है। दरअसल, सरकार ने चार माह बीतने के बाद भी घोषणा के मुताबिक न तो बिजली सब्सिडी से जुड़ा कोई फार्म जारी किया है और न ही कोई मिस्ड कॉल के लिये कोई नंबर। 

कुछ उपभोक्ता सरकार की इस घोषणा को बिजली सब्सिडी को हमेशा और पूरी तरह से बंद करने की नई साजिश मान रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं का कहना है कि वे इसके लिये बिजली दफ्तर के चक्कर तक लगा चुके हैं। बिजली दफ्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि नये सिरे से सब्सिडी से संबंधित कोई फार्म अभी तक नहीं आया है। ऐसे में उपभोक्ता सरकार की घोषणा को लेकर पशोपेश में हैं। फार्म कब आएंगे, मिस्ड कॉल नंबर कब जारी होगा, सब्सिडी रहेगी या नहीं जैसे कई सवाल उपभोक्ताओं को परेशान किये हुए है। दूसरी तरफ केजरीवाल सरकार ने इस अहम मसले पर चुप्पी साधे हुए है।










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