आईपीसी के 162 वर्षों के इतिहास में टीका-टिप्पणी के लिए दो साल की सजा कभी नहीं हुई थी: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता के 162 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि तीखी टीका-टिप्पणी के लिए किसी को दो साल की सजा हुई हो।

Updated : 7 July 2023, 9:08 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता के 162 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि तीखी टीका-टिप्पणी के लिए किसी को दो साल की सजा हुई हो।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी के खिलाफ ‘मानहानि’ का मकसद उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराना था। इसके बाद जो हुआ वो अयोग्य ठहराए जाने को जायज बताने का प्रयास था।’’

चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं फिर से इस बात दोहराता हूं कि भारतीय दंड संहिता के अमल में आने के बाद से 162 वर्षों की अवधि के दौरान तल्ख टीका-टिप्पणी का ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें अदालत ने दो साल की सजा सुनाई हो। तथ्य पूरे मामले और सुनवाई अदालत के फैसले के बारे में सबकुछ कहता है। एक दिन न्याय जरूर होगा।’’

 

Published : 

No related posts found.