महाराष्ट्र में बाढ़ से भारी तबाही, महाड में भूस्खलन से 36 लोगों की मौत, कई लापता, तलाश जारी, देखिये तस्वीरें

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र में भारी बीरिश के कारण आयी बाढ़ बड़ी तबाही की रूप धारण करती जा रही है। महाड में तीन जगहों पर हुए भूस्खलन से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई जबकि बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए है। रेसक्यू ऑपरेशन जारी है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

बाढ़ में डूबे कई घर
बाढ़ में डूबे कई घर


मुंबई: भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में आयी बाढ़ तबाही का रूप धारण करती जा रही है। हालांकि रात भर बारिश रुकी रही लेकिन रत्नागिरी में जमा हुए बाढ़ के पानी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। चिपलूण में अब भी पानी भरा है और हजारों लोगों के फंसने के खबर है। वहीं महाड में तीन जगहों पर भूस्खलन में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई। पूरे क्षेत्र में 30 से 40 लोग लापता बताये जा रहे हैं, जो कहीं फंसे हो सकते हैं। लोगों को सुरक्षित निकालने का अभियान जारी है। 

शुक्रवार को मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के महाड में बाढ ने विकराल रूप धारण किया और यहां कुल तीन जगहों पर भूस्खलन हुआ। भूस्खलन होने से कई घर दब गए हैं, जिसमें 36 लोगों की मौत हुई है। यहां के तलई  में 32 लोगों की मौत हुई है और साखर सुतार वाड़ी में चार लोगों की मौत हुई है। दोनों जगहों पर करीब 15 लोगों को बचाया गया है। वहीं लापता 30-35 लोगों की तलाश जारी है।

जानकारी के मुताबिक महाड में सावित्री नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और नदी अपने साथ सब कुछ बहाकर ले जा रही है। महाड और खेड में NDRF और कोस्टगार्ड की मदद ली जा रही थी। अब बचाव के लिए नौसेना की टीम भी मदद कर रही है। महाड से थोड़ा पहले दासगांव, टोल नाके के पास नौसेना की टीम अपने साथ लाए बोट पानी में उतारकर मदद कर रही है।

महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में बारिश के कारण आयी बाढ़ से भयावह हालात बन गए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। वे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरूवार को फोन कर हालात की जानकारी ली थी।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि एनडीआरएफ और अन्य टीमें जगह-जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. नागपुर समेत अन्य हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। उद्धव के मुताबिक, लगातार हो रही बारिश और सड़कों पर हो चुके गड्ढे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी बाधा बन रहे हैं। कई इलाकों में एनडीआरएफ भी नहीं पहुंच पा रही है। 










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