मोदी सरकार को बड़ा झटका, कच्चे तेल के घरेलू प्रोडक्शन में गिरावट, बढ़ेंगे दाम
ईरान से कच्चे तेल की खरीद पर छूट की समय-सीमा बढ़ाने से अमेरिका के इनकार के बाद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। शुरुआती सुस्ती के बाद कच्चे तेल में फिर एक बार तेजी का रुख किया है। कच्चे तेल में आई तेजी से रुपए पर दबाव बढ़ गया है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार के लिए अमेरिका-ईरान संकट के बीच दूसरी निराशाजनक खबर है। अमेरिका के प्रतिबंध के बाद भारत को कच्चे तेल के लिए नए सिरे से इंतजाम करना है तो दूसरी ओर घरेलू मोर्चे पर भी साथ नहीं मिल पा रहा है।
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ऐसी स्थिति में देश में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ने की बजाय रिकॉर्ड स्तर पर घट गया है। भारत को अब अधिक तेल बाहर से लेना पड़ेगा जो वतर्मान स्थितियों में बहुत मुश्किल है। क्योंकि अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा रखा है। अब अगर आयात करना पड़ा तो अधिक विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ेगी। जिससे लोगों को भी महंगा तेल मिलेगा।
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में देश में कच्चे तेल का उत्पादन 342.03 लाख टन रहा। वहीं पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 356.84 लाख टन रहा था।
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जबकि सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में 370.12 लाख टन कच्चा तेल उत्पादन का लक्ष्य रखा था, लेकिन वास्तविक उत्पादन इससे 7.59 प्रतिशत कम रहा।