महराजगंज: भव्य रामलीला मंचन के मौके पर पूर्व मंत्री सुशील टिबड़ेवाल ने राम नाम की महिमा पर अपने संबोधन से बांधी समाँ, जानिये खास बातें

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जनपद में आयोजित भव्य रामलीला मंचन के मौके पर पूर्व मंत्री सुशील टिबड़ेवाल ने भी अपने संबोधन से राम नाम की महिमा का बखान कर खूब समाँ बांधी, इस मौके पर उन्होंने दर्शकों के बांधे रखा। जानिये उनके संबोधन की कुछ खास बातें



महराजगंज: ठूठीबारी कस्बे में श्री श्री दुर्गा मंदिर आदर्श रामलीला समिति के तत्वाधान में आयोजित रामलीला के मंचन के दौरान जहां विभिन्न पात्रों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं से जनता का दिल जीता वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने रामलीला के शुभारंभ के मौके पर अपने संबोधन में राम नाम की महिमा की व्याख्या करके कार्यक्रम की समॉं बांध डाली। सुशील टिबड़ेवाल ने इस मौके पर रामलीला के महत्व पर भी प्रकाश डाला और स्थानीय जनता के लिये प्रासंगिक कई मुद्दों को उठाकर उन्हें उनके हर संघर्ष में सहयोग देने का भी वादा किया। 

कोतवाली के पास रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला का शुभारंभ करते उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और 317, सिसवा विधान सभा के समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने राम नाम की महिमा पर अपने सारगर्भित संबोधन से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने सबसे पहले तीन साल बाद जनता को रामलीला मंचन के लिये बधाई दी और इस तरह के सामाजिक समरसता वाले कार्यक्रमों में हमेशा सहयोगी बनने का आश्वासन दिया। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में यूपी सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल के संबोधन की कुछ खास बातें।

रामलीला के शुभारंभ के मौके पर भगवान राम का गुणगान करते यूपी सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल 

1) पिछले तीन सालों से ठूठीबारी की जनता के मन की जो पीड़ा है, उसे मैं समझ सकता हूं, महसूस कर सकता हूं। हमारे लोग पहले कोरोना से परेशान रहे, फिर लॉकडाउन से परेशान रहे। तोड़फोड़ से परेशान रहे। दो साल तक जो सीमा बंद थी, उससे परेशान रहे। इन सब परेशानियों के चलते यहां के लोग पलायन को मजबूर हुए।

2) सीमा बंद होने से यहां का व्यवसाय चौपट हो गया था। लेकिन दुख की बात है कि जो जिम्मेदार थे, चाहे विधायक हो, सांसद हो, प्रमुख हो या और कोई भी। जनता के दुख-दर्द की तरफ इन जिम्मेदार लोगों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इन्होंने जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया।

3) यहां जो तोड़-फोड़ हो रही थी, उसे हम लोग अखबारों में पढ़ते थे। उस दौरान इन जिम्मेदार लोगों ने नंगा नाच किया। मकानों में तोड़ फोड़ किये गये। किसी को कोई मुआवजा नहीं दिया गया। कोई जनता के आंसू पहुंचने तक नहीं आया। आप लोगों की परेशानी अच्छी तरह समझी जा सकती है।

4) अब लगता है कि अच्छा समय आ गया है। लॉकडाउन भी खुल गया है। रामलीला भी हो रही है। यह हम सबके लिये बड़े प्रसन्नता की बात है। 

5) इस बार अब 2022 का चुनाव भी आ गया है। हम भी समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी के रूप में आप लोगों के बीच आ रहे हैं। हम कोशिश करेंगे कि जो यहां असंवेदनशीलता बनी हुई है, आपकी आवाज जो आगे नहीं पहुंचती है। जो समस्याएं है, उत्पीड़न है। हम उनको खत्म करने का प्रयास करेंगे। आपकी आवाज आगे तक पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा। आपकी आवाज आगे तक पहुंचनी चाहिये। हम आपके संघर्ष में हमेशा आपके साथ रहेंगे।

रामलीला में पधारे रामभक्त 

6) साथियो, अभी हम ज्यादा नहीं कहेंगे क्योंकि भगवान राम की लीला हो रही है। रामलीला एक ऐसी चीज है, चाहे आप कितनी बार भी रामलीला देखें, मन नहीं भरता। यहां कई बड़े लोग भी उपस्थित है। ये भगवान की लीला है, जिसे कई बार देखने के बाद भी मन नहीं भरता।

7) भगवान की लीला को देखने से हर किसी को एक नयापन मिलता है, एक नया अनुभव मिलता है। नई ऊर्जा मिलती है। रामलीला का कितना भी वर्णन किया जाये, वह कम ही कम है। कहा गया है कि भगवान राम का नाम राम से भी बड़ा है। 

8) जब बाबा भोलेनाथ यानि शिव से माता सती पूछती है कि आप दुनिया के मालिक हैं, सबसे श्रेष्ठ हैं, आप किसको भजते हैं। उस समय भगवान शिव के मुखारबिंदु से निकलता है कि मैं अपने राम को भज रहा हूं। 

9) भगवान श्रीकृष्ण जब गायों को लेकर चराने के लिये जाते थे, गायों को छोड़ देते थे और वृक्ष के नीचे बांसुरी बजाते थे। उस समय सारी गायें झूमती थीं। पेड़-पौधे झूम उठते थे। उस समय उनकी बांसुरी से भी यही सीताराम, सीताराम की धुन निकलती थी। ये भगवान राम के नाम की महिमा है। 

10) राम नाम का उच्चारण करने पर एक ब्रह्माण्ड का चक्कर हो जाता है। जब आप राम नाम भजते हो और रा बोलते हो तो आपका मुख खुल जाता है, जब इसमें आप म बोलते होते तो मुख बंद हो जाता है। 

11) हमारा ये मुख भी ब्रह्माण्ड है। इसलिये जब हम एक बार भी राम नाम भजते हैं तो एक पूरा ब्रह्माण्ड का चक्कर लगा लेतें हैं। ये राम की अनंत महिमा है। इसलिये उनको मर्यादा परुषोतम राम कहा गया है।

12) भगवान राम और सीता मैय्या ने जितने दुख अपने जीवन में भोगे हैं, उतना कोई नहीं भोगा। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने सबसे बड़ा आदर्श स्थापित किया। इसलिये आप लोगों से भी निवेदन है कि आप भी भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। 

13) मैं रामलीला के मंचन में ज्यादा बाधक नहीं बनना चाहता हूं। इसलिये इन्हीं शब्दों के साथ रामलीला समिति के लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। आभार व्यक्त करता हूं। 

14) मैं आशा करता हूं कि आप लोग हर साल इस तरह का कार्यक्रम यहां करते रहेंगे। 

15) मैं आप लोगों को भी इसलिये भी धन्यवाद देता हूं कि कम से कम आप लोगों ने मुझे रामलीला के पवित्र मंचन के मौके पर याद किया और यहां बुलाया। 

16) मुझे आप लोगों के बीच में आने का मौका मिला। मुझे इससे आप जैसे भक्तों के दर्शन का भी मौका मिला। क्योंकि राम भक्त भी महान है।

17) तुलसीदास जी ने भी लिखा है, ‘तुलसी जिनके मुखे-मुखे...’। तुलसीदास जी जैसे महान मनिषी ने लिखा है कि जिनके मुख से राम निकलता है, उनके लिये भी मेरे मन में राम जैसे ही महान और पवित्र भाव है।

18) राम भक्तों के प्रति मैं भी इन्हीं पवित्र भावों को आत्मसात करता हूं और साथ मैं भी यहां बैठे सभी भक्तों को प्रणाम करता हूं। जय श्री राम  

रामलीला के इस शुभारंभ कार्यक्रम के मौके पर गत गुरूवार को आयोजक मंडल के संरक्षक बैजनाथ गुप्त, प्रबंधक विश्वम्भर पाठक, अध्यक्ष अतुल रौनियार, कोषाध्यक्ष राजकुमार रौनियार, उप संरक्षक सुशील कुमार गुप्त, उप प्रबंधक प्रवीण कुमार मिश्रा, उपाध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता, महामंत्री राजू मद्देशिया, दुर्गा मंदिर महराजगंज के पूजारी अवधेश पांडेय, कृष्ण मुरारी उर्फ मुरारी बाबा, सपा नेता अमरनाथ यादव, जिला पंचायत सदस्य राम अशीष यादव, जिला पंचायत सदस्य राम समुझ प्रजापति, जयकरन यादव, दीपू यादव, प्रधान जमालुद्दीन, शमशुद्दीन अली, पूर्व जिला पंचायत सदस्य पारसनाथ यादव, संतोष निगम, कृष्णा रौनियार सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।










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