लखनऊ: विश्व युवा कौशल दिवस पर बोले मंत्री चेतन चौहान- सभी नौजवानों को नौकरी नहीं दे सकती सरकार

डीएन संवाददाता

विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे खेल मंत्री चेतन चौहान ने कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग हासिल कर रहे युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सभी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती। पूरी खबर..

कार्यक्रम को संबंधित करते यूपी के मंत्री चेतन चौहान
कार्यक्रम को संबंधित करते यूपी के मंत्री चेतन चौहान


लखनऊ: विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर आयोजित स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग प्राप्त कर विभिन्न संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे रहे युवाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर उनके अनुभव भी कार्यक्रम में मौजूद प्रशिक्षण ले रहे युवाओं से साझा कराया गया, जिससे दूसरे बेरोजगार युवा स्किल डेवलपमेंट मिशन से जुड़कर स्किल की ट्रेनिंग ले सकें।  इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में खेल मंत्री चेतन चौहान के अलावा मंत्री सुरेश पासी, ITI निदेशक प्रांजल यादव समेत बड़ी तादाद में उद्योगपति भी मौजूद रहे।

 

 

नोएडा Samsung प्लांट में बनेंगे 12 करोड़ मोबाइल, 4 लाख को रोजगार

यूपी के खेल और व्यवसायिक शिक्षा मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में जो उद्योगपति प्रदेश छोड़कर दूसरे प्रदेशों में जा रहे थे, आज वे यूपी में फिर से अपना काम शुरू कर रहे हैं। चौहान ने कहा कि सरकार हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती लोगों को निजी क्षेत्र में भी काफी रोजगार है। मंत्री ने कहा कि नोएडा में Samsung प्लांट के माध्यम से हर साल 12 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन देश में बनेंगे। जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश बन सकेगा। वहीं Samsung प्लांट में ही 4 लाख लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

 

 

कार्यक्रम में खेल मंत्री चेतन चौहान जहां योगी सरकार की कौशल विकास मिशन योजना की उपलब्धियां गिना रहे थे वहीं कार्यक्रम में आए कुछ छात्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ से बात कर कौशल विकास मिशन योजना की पोल खोलकर रख दी।

 

 

ट्रेनिंग सेंटर्स की बदतर स्थिति 

डाइनामाइट न्यूज़ से से बातचीत में लखनऊ के माल स्थित एक ट्रेनिंग सेंटर में कंप्यूटर सीख रहे छात्र शुभम प्रताप सिंह ने बताया की ट्रेनिंग सेंटर में मौजूद 30 से ज्यादा कंप्यूटरों में से केवल 10 कंप्यूटर ही सही तरीके से काम कर रहे हैं। जबकि बाकी कम्प्यूटर खराब पड़े हैं। वही जो कंप्यूटर कुछ ठीक भी हैं, उनमें तकनीकी दिक्कतों की वजह से वे हैंग होते रहते हैं। जबकि सेंटर में जब छात्र कंप्यूटर सीख रहे होते हैं तो बिजली की आंख मिचौली चलती रहती है। ऐसे में कंप्यूटर सीखने के बाद इन छात्रों का क्या भविष्य होगा, इसे आसानी से समझा जा सकता है।

बिजली के पुख्ता इंतजाम नहीं

कार्यक्रम में मौजूद अन्य छात्र शुभम प्रताप ने यह भी बताया कि कंप्यूटर संबंधित परेशानी और बिजली के पुख्ता इंतजाम ना होने की जानकारी जब इन्होंने विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर दी तो वहां से समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया गया। मगर एक महीना बीतने के बाद भी अभी तक खराब कंप्यूटर ठीक नहीं कराया जा सके हैं।
 










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