

प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर हमेशा से ही समस्या बनी रहती है। जिस वजह से प्रदेश को दूसरे प्रदेशों से बिजली खरीदनी पड़ती है, जिसका सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ता है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ की तहकीकात में मंत्रियों के आवास की सड़कों पर दिन में भी सोडियम लाइटें जलती मिली..
प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर हमेशा से ही समस्या बनी रहती है। जिस वजह से प्रदेश को दूसरे प्रदेशों से बिजली खरीदनी पड़ती है, जिसका सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ता है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ की तहकीकात में मंत्रियों के आवास की सड़कों पर दिन में भी सोडियम लाइटें जलती मिली..
लखनऊ: प्रदेश में गर्मियों के दिनों में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। जिस वजह से बिजली की मांग पूरी करने के लिए सरकार को दूसरे राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ती है। वहीं कभी कभी बिजली आपूर्ति की बढ़ी हुई मांग को मैनेज करने के लिए रोस्टिंग का भी सहारा विभाग को लेना पड़ता है।
ऐसे में जहां विभाग को बिजली बचत की तरफ ध्यान देना चाहिये, वहीं विभाग इस और जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। राजधानी में मंत्रियों के आवास के बगल में विक्रमादित्य मार्ग पर दिन में भी सोडियम लाइटें जलती हुई देखी जा सकती हैं। जिसके बाद से ये सवाल उठना लाजिमी है कि रात में रोशनी देने के लिए लगाई गई सोडियम लाइटें अगर दिन में यूं ही जलेंगी तो सरकार भला बिजली कैसे बचायेगी।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिन में बिजली जलने से नगर निगम के बजट पर कितना कुप्रभाव पड़ेगा। गर्मियों में बिजली की बढ़ी हुई मांग के बीच इस तरीके से बेवजह दिन में रोड पर चल रही सोडियम लाइटों के कारण कितनी बिजली बेवजह खर्च होती होगी।
दूसरी तरफ नेतागण जहां आमजन से बिजली बचत की अपील करते दिखते हैं वहीं उनके घर के बाहर अनावश्यक बिजली का प्रयोग किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों मे है गुस्सा
डाइनामाइट न्यूज़ बातचीत में स्थानीय निवासी नंद किशोर ने बताया कि आज भी यूपी के कई गांव ऐसे हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में अगर लखनऊ के पॉश इलाकों में मंत्री आवास के पास दिन में अगर सोडियम लाइटें ऐसे ही जलेंगी तो दूरदराज के गांवों में बिजली पहुंचाना काफी दूर की कौड़ी होगी।
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