UP Panchayat By Election Dates: यूपी में पंचायत उपचुनाव का ऐलान, इस दिन होगा मतदान, जानिये नामांकन तिथि समेत हर अपडेट

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार के गठन के लिये संपन्न पंचायत चुनाव के बावजूद भी तमाम कारणों से कई पद अब भी रिक्त है, जिन पर उपचुनाव कराया जाना है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये पंचायत उपचुनाव से जुड़ा हर अपडेट

रिक्त पदों पर उपचुनाव की घोषणा (फाइल फोटो)
रिक्त पदों पर उपचुनाव की घोषणा (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में गांव की सरकार के गठन के लिये हाल ही पंचायत चुनाव संपन्न कराये गये। लेकिन कोरोना संक्रमण से उम्मीदवारों की मौत  समेत मतदान के दौरान गड़बड़ी जैसे कई कारणों से राज्य में कई पदों पर पंचायत चुनाव को रद्द कराना पड़ा। ऐसे में राज्य में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के पद रिक्त हैं, जिन पर उपचुनाव कराया जाना प्रस्तावित है। अब पंचायत उपचुनाव की तिथियां घोषित कर दी गई है, जिसके बाद सारी औपचारिकताएं पूरी होने पर इन पदों पर चुनाव कराया जायेगा।   

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में पंचायत के रिक्त पदों के लिये 12 जून को उप चुनाव कराया जाएगा।  इनमें ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के रिक्त पद शामिल हैं। उपचुनाव के लिये कल जिलाधिकारियों द्वारा उप चुनाव की अधिसूचना जारी की जायेगी, जबकि तीन जून को निर्वाचन अधिकारी उपचुनाव की अधिसूचना जारी करेंगे।

उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के मुताबिक दो जून को जिलाधिकारी उपचुनाव की अधिसूचना जारी करेंगे। तीन जून को निर्वाचन अधिकारी द्वारा उपचुनाव की अधिसूचना जारी किये जाने के बाद उसी दिन से पर्चों की बिक्री शुरू हो जाएगी। 6 जून को सुबह आठ बजे से नामांकन होंगे। सभी पदों के लिए उसी दिन दोपहर तीन बजे से पर्चों की जांच होगी। 7 जून को नामांकन पत्रों की वापसी और उसी दिन दोपहर तीन बजे से चुनाव चिन्ह आवंटन होगा।

राज्य में 12 जून को उपचुनाव के लिये मतदान होगा, जो सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगी। इसके बाद 14 जून को सुबह आठ बजे से मतगणना होगी और रात तक परिणाम भी घेषित हो जाएगा। अधिकतर पद ग्राम पंचायत सदस्यों के रिक्त हैं। 

इन पदों के रिक्त रहने के कारण 21 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो सका और नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान शपथ भी नहीं ने सके। ऐसे में उपचुनाव वाले अधिकांश स्थानों पर निर्विरोध निर्वाचन संभव है।










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