'भगवान राम भारत की संस्कृति और इसकी पहचान के अभिन्न अंग'
रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक 'रामायण' में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल का कहना है कि भगवान राम भारत की संस्कृति और इसकी पहचान के अभिन्न अंग हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अयोध्या: रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक 'रामायण' में राम की भूमिका निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाले अरुण गोविल का कहना है कि भगवान राम भारत की संस्कृति और इसकी पहचान के अभिन्न अंग हैं।
रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल को उनकी सह-कलाकार दीपिका चिखलिया के साथ इस भव्य कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। दीपिका चिखलिया ने धारावाहिक में माता सीता की भूमिका निभाई थी।
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अरुण गोविल ने कहा कि 'भगवान राम हमारे देश के गौरव, संस्कृति की पहचान और स्वाभिमान हैं। भगवान राम के चरित्र में साहस, गंभीरता, विचारशीलता, बड़ों को दिया जाने वाला सम्मान ... सब कुछ है।'
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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अभिनेता ने कहा कि वह मशहूर धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका निभाने के लिए पहली पसंद नहीं थे।
उन्होंने कहा, 'मैंने शुरुआत में ही रामानंद सागर जी से कहा था कि मैं केवल भगवान राम का किरदार निभाना चाहता हूं... मुझे रिजेक्ट कर दिया गया और यह भूमिका किसी और को ऑफर की गई। लेकिन बाद में मुझे इस भूमिका के लिए वापस बुलाया गया।''
रामायण ने गोविल को प्यार और पहचान दी, लेकिन इसके बाद उन्हें भूमिकाएं मिलनी कम हो गईं क्योंकि फिल्म निर्माताओं के लिए उन्हें किसी अलग भूमिका में कल्पना करना मुश्किल था। हालांकि, अभिनेता ने कहा कि किसी अन्य किरदार ने उन्हें इस स्तर का सम्मान नहीं दिलाया होता।
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रामायण में अपनी भूमिका के बारे में गोविल ने कहा कि 'प्रोफेशनल लाइफ में इसके (रामायण) कई फायदे और नुकसान थे। उस वक्त मैं फिल्मों में अच्छा काम कर रहा था, लेकिन इसके बाद मैं फिल्मों में काम नहीं कर पाया। उस वक्त मुझे लगा कि यह मेरे लिए घाटा हो गया है लेकिन अब अहसास होता है कि अगर मैंने 500 फिल्में भी की होतीं, तब भी मुझे जो प्यार और सम्मान मिलता है वह नहीं मिल पाता।’’
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