ओल्ड राजेन्द्र नगर की तरह रायबरेली में बन रहीं मानक विहीन बिल्डिंगें, आंख मूंदकर बैठा है आरडीए

डीएन संवाददाता

रायबरेली में बन रहीं बिल्डिंग निर्माण की जांच करने की मांग तेज होती जा रही है। वहीं इस मामले में आरडीए आंख मूंदे बैठा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये पूरी रिपोर्ट

एम्स के पास बन रही मानक विहीन बिल्डिंग
एम्स के पास बन रही मानक विहीन बिल्डिंग


रायबरेली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में आईएएस कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग की बेसमेंट में 3 यूपीएससी ऐस्प्रेन्ट की डूबकर हुई मौत के बाद बिल्डिंग निर्माण की पोल जग जाहिर हो गई है। इसके बाद जिले में बन रही बिल्डिंग निर्माण की जांच करने की आवाज भी उठने लगी है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक रायबरेली में आरडीए के जेई की शह पर अवैध बिल्डिंगें लगातार बनती जा रही हैं। मानक विहीन बन रही बिल्डिंगों का न तो नक्शा है और ना ही पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था। साथ ही सैकड़ों बिल्डिंगें ऐसी हैं, जिसमे बेसमेंट मानक विहीन हैं।

रायबरेली विकास प्राधिकरण की जद वाले इलाके जहानाबाद चौकी, कहारों का अड्डा, मनिका सिनेमा, एम्स सहित अन्य जगहों पर लगातार बिल्डरों द्वारा कई मंजिला बिल्डिंगों का निर्माण मानकों के विपरीत किया जा रहा है। इन बिल्डिंगों का न ही नक्शा पास है और न ही पार्किंग की व्यवस्था है। वहीं आग लगने पर अग्निशमन की गाड़ियों के जाने और खड़े होने की भी जगह नहीं है, जिससे हादसे के समय कोई राहत कार्य होना अंसभव है। अगर कोई शिकायत करता है तो रायबरेली विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचकर नोटिस देकर मामले को खत्म कर देते हैं। नोटिस रिसीव करने के बावजूद भी बिल्डर अपनी बिल्डिंग में काम करवाते रहते हैं।

रायबरेली विकास प्राधिकरण में तैनात जूनियर इंजीनियर धनेश की छवि विवादित है। जिस क्षेत्र में इनकी तैनाती होती है वहां पर अवैध बिल्डिंग की भरमार देखने को मिलती है। जेई धनेश मौजूदा समय में मुंशीगंज क्षेत्र में हैं, जहां पर अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान ( एम्स ) संस्थान स्थापित है। एम्स के सामने मुख्य मार्ग पर एक नहीं कई सारी अवैध बिल्डिंगों का निर्माण कार्य जारी है, जबकि वह पूरा क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में आता है। जहां पर न तो नक्शा पास हो सकता है न ही किसी इमारत को बनाने की परमिशन दी जा सकती है।

इस मामले में एक्सईएन एम मुस्तजब अहमद का कहना है कि जिस भी बिल्डिंग की सूचना प्राप्त हो रही है उन पर तत्काल संबंधित जेई को भेजा जा रहा है। जांच कराई जा रही है अगर अवैध पाया जाता है तो उनकी सिलिंग की कार्रवाई भी की जा रही है। आगे भी ऐसी कोई बिल्डिंग संज्ञान में आती है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।










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