

केंद्रीय मत्स्यपालन सचिव अभिलाक्ष लिखी ने बुधवार को कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और केंद्रीय मृदु-जल जीवपालन संस्थान (सीआईएफए) को ऐसी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे हर साल मछली-पालन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: केंद्रीय मत्स्यपालन सचिव अभिलाक्ष लिखी ने बुधवार को कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और केंद्रीय मृदु-जल जीवपालन संस्थान (सीआईएफए) को ऐसी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे हर साल मछली-पालन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लिखी ने भुवनेश्वर में आईसीएआर-सीआईएफए और राष्ट्रीय मृदु-जल मछली ब्रूड बैंक (एनएफएफबीबी) की गतिविधियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने दोनों संस्थानों से किसानों के बीच विकसित प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रबंधन प्रक्रियाओं के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया।
लिखी ने ओडिशा में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की।
सचिव ने राज्य सरकार के अधिकारियों को केंद्र और राज्य योजनाओं के तहत उन्हें सहायता देने का निर्देश दिया।
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