

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने बाद इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन से वापस आ रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिये उनके धरती पर लौटने की पूरी प्रक्रिया
नई दिल्ली: विज्ञान के साथ मानव प्रयोग सदियों से होते रहे हैं और हमें उनमें कामयाबी भी मिलती रही है। लेकिन कुछ प्रयोग इतना हैरान करते हैं कि कई बार हमारी जान गले में ही अटक जाती है। इसी का एक उदाहरण है, अंतरिक्ष का एक ऐसा सफर, जिसने दुनिया को लंबे समय तक हैरत में डाले रखा लेकिन आखिरकार वैज्ञानिकों के अथक प्रयास रंग लाये और दिनों का ही नहीं महीनों का इंतजार खत्म हुआ। जी हां,हम बात कर रहे हैं नासा के इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में अटके सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी अमेरिकी बुच विल्मोर की वापसी की।
अंतरिक्ष सफर लगभग 9 महीने लंबा
दुनिया के करोड़ों दिलों ने उस समय राहत की सांस ली, जब ये लगभग निश्चित हो गया कि अंतरिक्ष से भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी अमेरिकी बुच विल्मोर की धरती पर सकुशल वापसी हो रही है।
अब हम आपको बताएंगे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के धरती पर लौटने के सफर के बारे में। साथ ही ये भी बताएंगे कि क्यों उनका 8 दिन का अंतरिक्ष सफर लगभग 9 महीने लंबा हुआ। उनकी धरती पर वापसी की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। हम आपके बताएंगे इस पूरे मिशन के बारे में।
मिशन केवल 8 दिन
सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को नासा के इंटरनेशल स्पेस स्टेशन के लिये रवाना हुए थे। उनका ये मिशन केवल 8 दिन का था। लेकिन उनको लेकर जाने वाले बोइंग के स्टारलाइनर में तकनीकि खराबी आ गई और ये दोनों अंतरिक्ष यात्री स्पेश स्टेशन में हीं अटक गये। इनको वापस लाने के कई प्रयास हुए लेकिन हर प्रयास विफल साबित हुआ।
प्रक्रिया 4-5 चरणों में होगी पूरी
अमेरिका का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। 18 मार्च को एलनमस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने क्रू10 को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी की लेकिन ऐन मौके पर क्रू10 के हाइड्रोलिक सिस्टम में तकनीकि खराबी आई और इसकी लॉंचिंग को टालना पड़ा।अब बड़ी खबर ये है कि नासा और स्पेसएक्स का ड्रैगन क्रॉफ्ट या ड्रैगन यान इन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर धरती पर आने वाला है। ये प्रक्रिया 4-5 चरणों में पूरी होगी।
पहला चरण हैच क्लोज से..
धरती पर वापसी का पहला चरण हैच क्लोज से होगा यानी यान का ढक्क्न बंद किया जाएगा। दूसरा चरण अनडॉकिंग होगा मतलब आईएसएस से ड्रैगन यान का अलग होगा।उसके बाद ये पृथ्वी की तरफ बढ़ेगा और डीऑर्बिट बर्न में पहुंचेगा। डीऑर्बिट बर्न यानी वायुमंडल में यान का प्रवेश। इसके बाद स्प्लैशडाउन यानित समुद्र या रेत में यान की लैंडिंग) होगी। अनडॉकिंग से लेकर के स्पेलशडाउन तक सुनीता और बुच की वापसी में कुल 17 घंटे लगेंगे।
हो सकती हैं चुनौतियां
स्पेसएक्स ड्रैगन यान की लैंडिंग फ्लोरिडा तट के पास समुद्र में होगी। इसके बाद नासा की टीम अंतरिक्ष यात्रियों को एक-एक करके यान से बाहर निकालेगी। नासा इस पूरी वापसी प्रक्रिया का लाइव कवरेज करेगा, जिसमें हैच क्लोजर, अनडॉकिंग और स्प्लैशडाउन शामिल होंगे। सफल लैंडिंग के बाद चालक दल को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में भेजा जाएगा, जहां उनका पोस्ट-मिशन मेडिकल परीक्षण होगा।
अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में रहने के कारण मांसपेशियों की गिरावट,हड्डियों की कमजोरी और रेडिएशन जोखिम का सामना करना पड़ता है. लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मनोवैज्ञानिक चुनौतियां भी हो सकती हैं।