सबरीमाला मंदिर को लेकर कब-कब हुई राजनीति,भारी बवाल के पीछे कौन है शामिल

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी यहां महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जा रही है। यहां पर भारी पुलिसबल प्रदर्शनकारियों को खदड़ने में लगा हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें यह चौंकाने वाली सच्चाई, आखिर कौन है इसके पीछे जिसके कारण हो रहा है यहां प्रदर्शन

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 17 October 2018, 4:12 PM IST
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तिरुवनंतपुरमः महिलाओं के लिये केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में कपाट खोलने के सुप्रीम कोर्ट आदेश के बावजूद यहां पर बुधवार को माहौल तनावपूर्ण हो गया है। स्थिति के बिगड़ने की आशंका पहले से ही केरल सरकार को थी इसलिए मंदिर परिसर के आस-पास भारी पुलिसबल तैनात किया गया है।     

 

सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए उमड़े भक्त (फाइल फोटो)

 

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बावजूद इसके यहां पर महिलायें ही महिलाओं के खिलाफ उठ खड़ी हुई है और विरोध-प्रदर्शन और तेज हो चला है। पुलिस ने अब तक 11 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है  वहीं मामला और गहराता जा रहा है।

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर कब-कब हुई राजनीतिः      

 

मंदिर में प्रवेश का विरोध करती महिलायें

 

1. सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिये 2006 की एक याचिका के बाद 2007 में एलडीएफ सरकार ने इसको लेकर सकारात्मक रुख अपनाया था।  

2. एक तरफ जहां एलडीएफ मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का सर्मथन कर रही थी वहीं कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार ने मामले में बाद में अपना पक्ष बदल दिया था।

3. इस प्रकरण में जब चुनाव हारने के बाद यूडीएफ सरकार ने  कहा था कि वह मंदिर में 10 से 50 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ है।     

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विरोध-प्रदर्शन में शामिल महिला संगठन (फाइल फोटो)

 

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4. इस पर यूडीएफ ने तर्क दिया था कि भगवान अयप्पा ने ब्रह्मचर्य जीवन जीने का निर्णय लिया था वहीं मंदिर में 1500 साल से चली आ रही प्रथा का सम्मान होना चाहिये।

5. इन सबके बीच भाजपा ने दक्षिण की राजनीति में अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिये सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय  का विरोध करने के लिये केरल राज्य सचिवालय का घेराव किया था और प्रदेश के बीजेपी कार्यकर्ताओं के इस विरोध में हजारों महिलाओं का भी समर्थन मिला था।
 

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