कर्नाटक चुनाव : पहली बार मतदान करने वाले युवाओं और बुजुर्गों में दिखा उत्साह, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को एक चरण में हुए मतदान में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे युवाओं और बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया। ऐसे मतदाता बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकलकर वोट डालने पहुंचे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मतदान करने वाले युवाओं और बुजुर्गों में दिखा उत्साह
मतदान करने वाले युवाओं और बुजुर्गों में दिखा उत्साह


बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को एक चरण में हुए मतदान में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे युवाओं और बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया। ऐसे मतदाता बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकलकर वोट डालने पहुंचे।

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 11.71 लाख ऐसे मतदाता हैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र थे।

राज्य में पंजीकृत कुल मतदाताओं में 16,914 मतदाताओं की उम्र 100 साल के पार है, जबकि 80 साल से ज्यादा उम्र वाले मतदाताओं की संख्या 12.16 लाख है।

कर्नाटक में 737 ऐसे मतदान केंद्र थे, जो या तो किसी विषय पर आधारित थे या पारम्परिक तरीके से सजाये गये थे। ऐसे मतदान केंद्रों ने इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रंग भर दिये।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाताओं का उत्साह प्रफुल्लित कर देने वाला था। ज्यादातर का एक ही जवाब था ‘‘वोट डालकर मैं बहुत खुश हूं। यह मेरा अधिकार है।’’

चुनाव आयोग ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं की उदासीनता को जानने-समझने के प्रयास के तहत अनोखा प्रयोग करते हुए मतदान का दिन सप्ताह के बीच में निर्धारित किया था, ताकि लोग मतदान के दिन वाली छुट्टी को अन्य छुट्टियों के साथ मिलाकर बाहर घूमने न निकल जाएं।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मतदान का दिन बुधवार को रखा गया। अगर यह सोमवार को होता तो, यह शनिवार, रविवार के साथ लंबी छुट्टी का आधार बन जाता। अगर मंगलवार को भी होता, तब भी एक दिन की छुट्टी लेकर बाहर घूमने जा सकते थे.... बुधवार को मतदान दिवस होने पर थोड़ी मुश्किल है।’’

निर्वाचन आयोग के अनुसार, उसने राज्य में महिलाओं द्वारा संचालित 996 मतदान केन्द्र (पिंक मतदान केन्द्र), दिव्यांगों द्वारा संचालित 239 मतदान केन्द्र और युवाओं द्वारा संचालित 286 मतदान केन्द्र बनाए थे।

एक चुनाव अधिकारी के अनुसार, कर्नाटक पहला राज्य है जिसके विधानसभा चुनाव में 80 वर्ष की आयु पूरी कर चुके और घर से निकलने में अक्षम बुजुर्गों को घर से मतदान करने की सुविधा दी गई है।

हासन जिले के होलेनरासिपुर तालुक के मेलागोडु में रहने वाली 100 साल की बोरम्मा ने, हालांकि मतदान केन्द्र पर जाकर वोट डालने का विकल्प चुना और अपनी छड़ी तथा बेटे का हाथ पकड़कर वोट डालने पहुंचीं।

वोट डालने के बाद बोरम्मा ने कहा, ‘‘मेरे 100 साल पूरे हो गए हैं। मुझे वोट डालकर अच्छा लग रहा है। सभी को वोट डालना चाहिए। सभी के लिए अच्छा हो। मैं पिछले 60 साल से वोट डाल रही हूं। मैंने हर चुनाव में वोट डाला है, कभी अनुपस्थित नहीं रही।’’

कई अन्य बुजुर्ग मतदाता भी व्हीलचेयर पर मतदान केन्द्र पहुंचे, जैसे बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में नागलक्ष्मी (84) ने अपना वोट डाला।

कई मतदान केन्द्र ऐसे भी दिखे जहां दुल्हा-दुल्हन वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे।

साहिल धारीवाल (26) ने घोड़ी चढ़ने से पहले बेंगलुरु में अपना वोट डालना जरूरी समझा।

धारीवाल ने कहा, ‘‘मैं पहली बार वोट डाल रहा हूं। कुछ कारणों से पिछली बार वोट नहीं डाल पाया था। इस बार मैंने निश्चित किया था कि यह अवसर मेरे हाथ से न जाए।’’










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