

जाट समुदाय ने अपनी मांगों के समर्थन में गुरुवार को जंतर मंतर पर एक रैली निकाली और घोषणा की कि दिल्ली में अपने आंदोलन को वह तेज करेगा और 20 फरवरी को संसद का घेराव किया जाएगा। संसद मार्ग पर पुलिस बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास करने के बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
नई दिल्ली: जाट समुदाय ने अपनी मांगों के समर्थन में गुरुवार को जंतर मंतर पर एक रैली निकाली और घोषणा की कि दिल्ली में अपने आंदोलन को वह तेज करेगा और 20 फरवरी को संसद का घेराव किया जाएगा। संसद मार्ग पर पुलिस बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास करने के बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
आंदोलन का संचालन कर रही ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार पर उनकी मांगों को 'नजरअंदाज' करने का आरोप लगाया है, जिनमें सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण भी शामिल है।
यह भी पढ़ें: जाट समुदाय का अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब से आए प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर एकत्रित हुए। उनकी मांग है कि आरक्षण के साथ ही 2016 में आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी दी जाए, जाट समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं और मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईएजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, "हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा हमारी मांगों को नरअंदाज किए जाने के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हम अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च करेंगे। , बीते कम से कम 33 दिनों से हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, राज्य तथा केंद्र सरकार हमारी मांगों के प्रति असंवेदनशील है।"
एआईएजेएएसएस के नेता ने कहा, "सरकार को नींद से जगाने के लिए हम 20 मार्च को एक व्यापक आंदोलन शुरू करेंगे।" उन्होंने कहा कि जाट समुदाय लंबी लड़ाई के लिए तैयार है।
मलिक ने कहा, "अब यह सरकार पर निर्भर है कि वह समाधान के लिए बाहर आए, लेकिन हमें लगता है कि वे इसका समाधान नहीं चाहते। हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और यह मार्च इसी की घोषणा है।" उन्होंने कहा कि 13 राज्यों के 50 लाख जाट आंदोलन में हिस्सा लेंगे।
यह भी पढ़ें: राजस्थान में ट्रक-जीप की टक्कर, 17 मरे
आंदोलनकारियों ने बाद में संसद की तरफ मार्च किया और अपनी सात सूत्री मांगों का ज्ञापन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने के लिए अधिकारियों को सौंपा। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आर.पी.मीणा ने कहा कि आंदोलन में लगभग 4-5,000 लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि संसद के निकट बैरिकेड को तोड़ने के प्रयास में कई लोगों को हिरासत में लिया गया। जाट हरियाणा से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन्होंने पिछले साल हुए जाट आंदोलन के दौरान कथित तौर पर जाट विरोधी बयान दिए थे।
पिछले साल हुए जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के विभिन्न जिलों में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस दौरान सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति की क्षति हुई थी। (आईएएनएस)
No related posts found.